*संदेह के घेरे में ढाई लाख टैबलेट के बिल,कर विभाग ने मांगे छात्रों के टैबलेट खरीद के प्रमाण*

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देहरादून। छात्रों को निशुल्क टैबलेट योजना की जांच शुरू कर दी गई। राज्य कर विभाग ने शिक्षा विभाग से पूरे प्रदेश में छात्रों द्वारा टैबलेट खरीदने के प्रमाण के रूप में दिए बिलों को तलब किया है। कर विभाग को शक हैं कि टैबलेट खरीदने में राजस्व की बड़े पैमाने पर चोरी की गई है। मालूम हो कि पिछले साल सरकार ने कक्षा 10 वीं, 12 वीं और स्नातक स्तर के प्रदेश के ढाई लाख से ज्यादा छात्रों को मुफ्त टैबलेट देने का निर्णय किया था। इसके तहत प्रत्येक छात्र को टैबलेट खरीदने के लिए 12-12 हजार रुपये दिए गए हैं।
शिक्षा निदेशक आरके कुंवर ने सभी सीईओ से एक हफ्ते के भीतर सभी छात्रों के बिलों की फोटो कॉपी मुहैया कराने के आदेश दिए हैं। माध्यमिक स्तर पर 1.59 लाख और स्नातक स्तर पर एक लाख छात्र-छात्राओं को टैबलेट खरीदने के लिए पैसा दिया गया है। राज्य कर आयुक्त ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक के साथ ही उच्च शिक्षा निदेशक से भी टैबलेट बिल का रिकार्ड तलब किया है।
कर विभाग और शिक्षा विभाग को शक है कि कई स्थानों पर छात्रों ने टैबलेट नहीं खरीदा है। बल्कि स्थानीय स्तर पर मोबाइल-टैबलेट कारोबारियों से फर्जी बिल लेकर जमा करवा दिए हैं। दूसरा संदेह है कि छात्रों को सरकार ने बेहतर क्वालिटी का टैबलेट लेने के लिए 12-12 हजार रुपये दिए है।

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