दिल्ली। बाबा रामदेव के नेतृत्व वाले पतंजलि समूह की आयुर्वेदिक दवाई बनाने वाली कंपनी दिव्य फार्मेसी ने हार्ट और लीवर से जुड़ी कुछ दावाओं का प्रचार बंद करने का फैसला किया है। कंपनी के मुताबिक, ये फैसला ड्रग कानूनों का उल्लंघन करने की शिकायतों के कारण लिया गया है।
गौरतलब है कि कंपनी की ओर से किए जा रहे प्रचार को लेकर केरल के एक नेत्र विशेषज्ञ ने इस साल की शुरुआत में केंद्रीय आयुष मंत्रालय को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि देहरादून की दिव्य फार्मेसी की ओर से एक विज्ञापन चलाया जा रहा है। इसमें दावा किया गया है कि उसकी दवाई लिपिडोम (Lipidom) लेने के बाद एक हफ्ते में ही कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में आ जाता है और यह लोगों को ह्रदय की समस्या से और उच्च रक्तचाप से बचाता है।
बाबू ने आगे लिखा कि कंपनी का ये विज्ञापन ड्रग और मैजिक रेमेडीज एक्ट का उल्लंघन है, जिसमें स्पष्ट तौर पर लिखा हुआ है कि कोई भी कंपनी स्वस्थ्य समस्याओं के उपचार से जुड़ा विज्ञापन नहीं चला सकती है इसमें ह्रदय रोग और उच्च रक्तचाप भी शामिल है।
दिव्य फार्मेसी के विज्ञापन के खिलाफ शिकायत मिलने पर केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने उत्तराखंड प्रशासन को उचित कारवाई करने के निर्देश दिए। बाबू की शिकायत के आधार पर उत्तराखंड सरकार ने कंपनी को नोटिस भेज दिया है।
सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त की गई जानकरी के अनुसार बाबू ने बताया कि उत्तराखंड आयुर्वेदिक और यूनानी विभाग से मिले नोटिस का कंपनी ने जवाब दिया कि वह तत्काल प्रभाव से अपने विज्ञापन पर रोक लगा रही है। वहीं, बाबू ने कहा, “लोग भ्रामक विज्ञापन देखने के बाद कुछ उत्पाद खरीद सकते हैं और उन्हें यह पता भी नहीं होता कि विज्ञापन भ्रामक था।”