पिथौरागढ़। छह साल की मासूम बालिका से दुष्कर्म करने का प्रयास करने वाले अभियुक्त को पिथौरागढ़ जिला न्यायालय के विशेष सत्र एवं न्यायाधीश डॉ.जीके शर्मा ने आजीवन कारावास और दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
मामला वर्ष 2019 का है। बेरीनाग विकाखंड निवासी एक छह साल की बालिका थल क्षेत्र स्थित अपने नाना के घर आई थी। घटना के दिन उसकी मां किसी काम से धारचूला गई थी जबकि उसके नाना गांव में किसी समारोह में और नानी बकरियां चराने जंगल गई थी। दिन में लगभग 12 बजे जब बालिका घर में अकेली थी तभी नेपाल निवासी जगते टम्टा ने घर में घुसकर बालिका के साथ दुष्कर्म करने का प्रयास किया। बालिका के चीखने चिल्लाने पर आरोपी मौके से भाग गया। नाना-नानी के घर लौटने पर पीड़िता बालिका ने घटना की जानकारी दी। इसके बाद परिजनों की ओर से जगते टम्टा निवासी नेपाल के खिलाफ थल थाने में मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने पोक्सो सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया। यह मामला पिथौरागढ़ जिला न्यायालय के विशेष जिला सत्र एवं न्यायाधीश की अदालत में चला। मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से कुल नौ गवाह पेश किए गए। मामले की सुनवाई करते हुए विशेष सत्र एवं न्यायाधीश डॉ.जीके शर्मा ने दोष सिद्ध करते हुए अभियुक्त जगते टम्टा को आजीवन कारावास और 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। विशेष सत्र न्यायाधीश ने आठ लाख रुपये का मुआवजा बतौर प्रतिकर पीड़ित बालिका को देने के लिए राज्य सरकार को निर्देशित किया है।