नई दिल्ली। देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल की सुरक्षा में चूक से जुड़े एक मामले में कार्रवाई करते हुए सरकार ने 3 कमांडो को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। ये कमांडो उस वक्त एनएसए की सुरक्षा में लगे थे, जब फरवरी में एक गाड़ी उनके घर के गेट तक पहुंच गई थी. इस मामले में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था।
गृह मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने जानकारी दी है कि वीआईपी सुरक्षा से जुड़े डीआईजी और कमांडेंट का ट्रांसफर किया गया है।
फरवरी के महीने में एक शख्स ने सुबह करीब 7 बजकर 45 मिनट पर कार लेकर अजीत डोभाल की कोठी में घुसने की कोशिश की थी. लेकिन वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने सही वक्त पर उस शख्स को रोककर हिरासत में ले लिया था। शुरुआती जांच में शख्स मानसिक रूप से परेशान दिख रहा था।
गिरफ्तार शख्स की पहचान कर्नाटक के बेंगलुरु में रहने वाले शांतनु रेड्डी के तौर पर की गई. बताया गया था कि उसने नोएडा से रेड कलर की एसयूवी कार किराए पर ली थी. इसी कार को लेकर वह अजीत डोभाल के घर पहुंचा था. कार को अंदर घुसाने की कोशिश के दौरान ही रेड्डी को पकड़ लिया गया। अजीत डोभाल की सुरक्षा सीआईएसएफ करती है। उनको गृह मंत्रालय की तरफ से Z+ कैटेगिरी की सुरक्षा मिली हुई है।
पकड़े जाने के बाद शख्स कुछ बड़बड़ा भी रहा था. उसका कहना था कि उसकी बॉडी में किसी ने चिप लगा दिया है और उसे रिमोट से कंट्रोल किया जा रहा है। हालांकि, जांच में उसकी बॉडी से कोई चिप नहीं पाया गया।
अजीत डोभाल को Z+ कैटेगिरी की सुरक्षा मिली है, उनके चारों तरफ कड़ा सुरक्षा पहरा होता है. इसमें 58 कमांडों शामिल होते हैं. इसमें 10 आर्म्ड स्टैटिक गॉर्ड, 6 PSO, 24 जवान, 5 वाचर्स (दो शिफ्ट में) शामिल होते हैं।