देहरादून। यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में एसटीएफ ने उत्तर प्रदेश के तीन नकल माफिया पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। इनमें से एक के खिलाफ एसटीएफ को पुख्ता सुबूत भी मिल चुके हैं। बताया जा रहा है कि हाकम सिंह ने इसी के साथ मिलकर धामपुर में नकल सेंटर बनाया था। यही नहीं, इससे पहले 2020 में भी एक परीक्षा में नकल के लिए धामपुर को ही चुना गया था। एसटीएफ जल्द ही कुछ और गिरफ्तारियां कर सकती है।
बता दें कि पेपर लीक मामले में अब तक पकड़े गए आरोपियों में से हाकम सिंह रावत ही बड़ा नाम माना जा रहा है। वह वर्षों से नकल के इस धंधे में लिप्त था। इससे उसने बहुत सी संपत्ति भी अर्जित कर ली है। एसटीएफ के सूत्रों के मुताबिक हाकम सिंह पर जितनी भी परीक्षाओं में नकल का आरोप लगा, उसने धामपुर को ही सेंटर बनाया। एक ही मकान को किराये पर लिया जाता था और उसमें अभ्यर्थियों को ठहराकर उन्हें हल किया हुआ पेपर मुहैया कराया जाता था। वर्ष 2020 में भी एक प्रतियोगी परीक्षा में इसी मकान में अभ्यर्थियों को नकल कराने का आरोप लगा था।
अब एसटीएफ ने हाकम सिंह के संपर्कों तक पहुंचना शुरू किया तो नए खुलासे हुए। पता चला है कि धामपुर क्षेत्र के तीन लोग हैं, जिनके वह अक्सर संपर्क में रहता था। इन लोगों के बारे में एसटीएफ ने पड़ताल शुरू कर दी है। इनमें से एक व्यक्ति के माध्यम से ही वह धामपुर क्षेत्र के इस मकान (नकल सेंटर) को कुछ दिन के लिए किराये पर लेता था। अब इन तीनों को गिरफ्तार करने की तैयारी की जा रही है। बता दें कि अब तक इस मामले में 18 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। बताया जा रहा है कि गिरफ्तार लोगों का आंकड़ा 30 से भी ऊपर जा सकता है।
पेपर लीक मामले में एसटीएफ उत्तरकाशी जिले से एक अभ्यर्थी को दून लेकर आई है। बताया जा रहा है कि इस अभ्यर्थी ने भी हल किया हुआ पेपर खरीदकर परीक्षा दी थी। सूत्रों के मुताबिक, इसका नाम अंकित रमोला है और यह हाकम सिंह का करीबी है। रमोला को दून लाने की पुष्टि एसटीएफ के सूत्रों ने की है। सूत्रों के मुताबिक, यह भी कहा जा रहा है कि रमोला की चेन लंबी हो सकती है। आशंका है कि उसने भी पेपर आगे बेचकर अनुचित तरीके से धन कमाया है।