ऋषिकेश। अंकिता भंडारी हत्याकांड की सीबीआई जांच को वनंतरा रिजार्ट जा रही तिरंगा यात्रा को पुलिस ने बैराज पुल पर रोक लिया। यहां पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी बहस हुई। प्रदर्शनकारी वनंतरा रिजार्ट जाने की जिद करने लगे। मामला बढ़ता देख पुलिस ने लाठियां फटकार कर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर किया।
पुलिस करीब 32 लोगों को गिरफ्तार कर लक्ष्मणझूला थाने ले आई। जहां उन्हें निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया। मंगलवार को अंकिता भंडारी के घर से निकली तिरंगा यात्रा तपोवन पहुंची। यहां से मुनिकीरेती, ऋषिकेश बाजार होकर यात्रा कोयलघाटी पहुंची। जहां से आसपास के लोग भी यात्रा में शामिल हुये।
कोयलघाटी तिराहे से छात्र संगठन से जुड़े युवा और राजनैतिक दल के लोग पैदल बैराजपुल को निकल पड़े। बैराज पुल पर पहले से ही भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। दोपहर करीब 12.55 बजे पुलिस ने रैली में शामिल लोगों को बैरियर लगाकर वनंतरा जाने से रोक लिया।
इस दौरान रैली की अगुवाई कर रहे जितेंद्र पाल सिंह पाटी और संयोजक नरेंद्र शर्मा के साथ ही प्रदर्शकारियों की पुलिस के साथ तीखी बहस हुई। जबकि महिला प्रदर्शकारियों ने वनतंरा रिजॉर्ट जाने से रोकने पर चीला शक्ति नहर में कूदने का प्रयास किया। जिन्हें पुलिस ने पकड़ लिया। कुछ युवाओं ने भी पुलिस के अवरोध को पार करने का प्रयास किया।
मगर पुलिस बल के आगे उनकी मंशा फेल हो गई। करीब घंटेभर प्रदर्शकारियों और पुलिस के बीच बहस होती रही। इसके बाद पुलिस लाठियां फटकार प्रदर्शकारियों को गिरफ्तार कर वाहनों में बैठाकर लक्ष्मणझूला थाने लाई। जहां पर उनके खिलाफ शांतिभंग में कार्रवाई की गई। जिसके बाद उन्हें निजी मुचलके पर छोड़ दिया।
तिरंगा रैली का नेतृत्व कर रहे जितेंद्र पाल सिंह पाटी ने कहा कि अंकिता भंडारी के हत्यारों को फांसी की सजा दिलाने के लिए तिरंगा यात्रा निकाली गई है। जब तक अंकिता को न्याय नहीं मिलता उनकी लड़ाई जारी रहेगी। वहीं संयोजक नरेंद्र शर्मा ने कहा की अंकिता मर्डर केस की जांच सीबीआई से कराने को लेकर तिरंगा यात्रा नाम दिया गया।
रैली में यूकेडी, कांग्रेस सहित छात्र संगठन से जुड़े लोग भी शामिल हुए। जिसमें युवा और महिलाओं की भागीदारी रही। प्रदर्शकारियों को लीड करने में कोटद्वार के एएसपी शेखर सुयाल भी मौजूद रहे। वे लगातार लोगों को समझाते नजर आए।