सेंचुरी पेपर मिल के आंदोलित श्रमिकों के समर्थन में आए हरीश रावत व यशपाल आर्य, मिल प्रबंधन को दिया 10 दिन का समय

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हल्द्वानी। लालकुआं में धरनारत सेंचुरी पेपर मिल के निकाले गए श्रमिकों को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, विधायक सुमित हृदयेश  का साथ मिल गया है। कांग्रेस नेताओं ने धरनास्थल पर पहुंचकर आंदोलनकारी कर्मचारियों को समर्थन देने का एलान किया।
गौरतलब है कि लालकुआं में सेंचुरी पेपर मिल से निकाले गए श्रमिकों का आंदोलन 137 दिन से जारी है. धरना को समर्थन देने पहुंचे कांग्रेस नेताओं ने स्थानीय प्रशासन को चेतावनी दी. उन्होंने मांग की सेंचुरी पेपर मिल से निकाले गए कर्मचारियों को वापस काम पर रखा जाए. 10 दिन में मांग नहीं माने जाने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ धरना दिया जाएगा। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि धरना पर बैठने के बाद जिम्मेदारी सेंचुरी मिल प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन की होगी. दरअसल, सेंचुरी पेपर मिल ने 137 दिन पहले 20 से अधिक प्रशिक्षण प्राप्त कर्मचारियों को निकाल दिया था. मिल से बाहर कर दिए जाने के बाद कर्मचारियों का आमरण अनशन जारी है. कई बार की वार्ता होने के बावजूद मिल प्रबंधन हठधर्मिता पर अड़ा हुआ है. कर्मचारी दोबारा काम पर वापस बहाल किए जाने की मांग कर रहे हैं. अब पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने 10 दिन की चेतावनी दी 10 दिन में कर्मचारियों को नहीं लेने पर हरीश रावत सेंचुरी मिल के खिलाफ बाहर धरने पर बैठेंगे. नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि मिल प्रबंधन को कर्मचारियों की मांगों पर विचार करना चाहिए. उन्होंने भी चेतावनी दी कि सेंचुरी मिल प्रबंधन की हठधर्मिता बरकरार रहने पर मजबूरन धरना देना होगा. उन्होंने कहा कि धरने पर बैठने के बाद आर पार की लड़ाई होगी और फिर केवल कर्मचारियों का ही मुद्दा नहीं होगा. सेंचुरी मिल से निकलने वाले प्रदूषण और तमाम अन्य मुद्दे भी आंदोलन में शामिल किए जाएंगे। धरने मेें पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश दुर्गापाल, कांग्रेस प्रदेश महासचिव महेश शर्मा आदि भी मौजूद थे।

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