पिथौरागढ़। बेरीनाग तहसील के चचरेत गांव में चंचल सिंह मेहरा परिवार की संदिग्ध मौत का मामला अभी सुलझ नहीं पाया है। तहसील प्रशासन तीनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय पोस्टमार्टम हाउस ले गया है। इस बीच चंचल की पत्नी के मायके वालों ने तीनों की हत्या का आरोप लगाते हुए तहसील प्रशासन को तहरीर सौंप कर तहसील परिसर में ही धरना शुरू कर दिया है। उन्होंने चंचल के भाई पर ही हत्या का आरोप लगाते हुए गिरफ्तारी होने तक धरना जारी रखने का ऐलान किया है।
बेरीनाग तहसील के चौङमन्या पटवारी क्षेत्र के चचरेत गांव में रहने वाले चंचल सिंह मेहरा दिल्ली में प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते थे। पत्नी सरिता व दो साल की पुत्री गीतांजलि चौकोङी के पास ही रहते थे। चार दिन पहले चंचल दिल्ली से चौकोङी पहुंचे। वह आठ अप्रैल को पत्नी सरिता और, पुत्री गीतांजलि को लेकर गांव चचरेत चला गए। नौ अप्रैल की सुबह चंचल उसकी पत्नी सरिता और पुत्री के शव घर के भीतर मिले। तीन लोगों की संदिग्ध मौत की सूचना पर उप जिलाधिकारी अभय प्रताप सिंह मौके पर पहुंचे, उन्होंने तीनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए पिथौरागढ़ भिजवा दिया।
इधर चंचल के ससुर व अन्य लोग इसे आत्महत्या मानने को तैयार नहीं है। उनका आरोप है कि चंचल के परिवार की हत्या की गई है। पूरे मामले की जांच करने और अभियुक्तों को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर वह बेरीनाग तहसील पहुंचे। तहसील में सभी लोग धरने पर बैठ गए। चंचल सिंह की पत्नी सरिता के पिता चंद्रसिंह अधिकारी वः तहसील में तहरीर सौंप कर आरोप लगाया है कि चंचल सिंह का भाई भगवान सिंह, उसकी पत्नी और बेटा कमलेश मेरी पुत्री और दामाद के साथ मार पीट करते थे। इसी कारण वह छह माह से मायके में रह रही थी। आठ अप्रैल को वह गांव चचरेत गए थे। आशंका जताई है कि भगवान सिंह उसकी पत्नी और पुत्र कमलेश ने उनकी हत्या कर दी। उप जिलाधिकारी नै कहा है कि अभी मामले की जांच की जा रही है।
तहसील परिसर पर धरने में सरिता के पिता चंद्रसिंह अधिकारी के अलावा भाई खीम सिंह अधिकारी, चंचल सिंह, जीना किशन सिंह काकी, चाचा मान सिंह अधिकारी, गोपाल अधिकारी, नरेंद्र काकी, हीरा सिंह मेहता, हरीश कोरंगा, डीएल शाह आदि धरने पर बैठे।