नैनीताल। कोरोना महामारी के चलते उत्तराखंड उच्च न्यायालय के बाद अब प्रदेश की सभी निचली अदालतों में भी सीधी सुनवाई नहीं होगी। सभी अदालतों में वीडियो कान्फे्रसिंग से सुनवाई होगी। उच्च न्यायालय की ओर से मंगलवार को सभी जिला अदालतों व परिवार न्यायालयों के लिये एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी कर दी गयी है। उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार (विजिलेंस) अनुज कुमार संगल की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि सभी अदालतों में सुनवाई उत्तराखंड उच्च न्यायालय वीडियों कान्फ्रेंसिंग नियम-2020 के प्रावधानों के अधीन संचालित की जायेगी। इस दौरान अदालतों व अदालत परिसर में वाद कारियों व अधिवक्ताओं की उपस्थिति निषिद्ध रहेगी। सिर्फ आवश्यक मामलों में ही सुनवाई हो सकेगी। अधिसूचना में आगे कहा गया है कि अदालतों को प्रतिदिन आधार पर दिन में दो बार सेनिटाइज (स्वच्छ) किया जाएगा। एक तिहाई कर्मचारी ही कार्यालयों में उपस्थित रहेंगे। 52 साल से अधिक उम्र के कर्मचारियों की उपस्थिति को निषिद्ध किया गया है। अदालत परिसर में कर्मचारियों के अलावा अन्य लोगों की उपस्थिति निषिद्ध होगी और सभी के लिये मास्क, सामाजिक दूरी के अलावा सेनिटाइजर का प्रयोग आवश्यक रूप से करना होगा। यही नहीं वादों को आनलाइन ही दायर किये जा सकेंगे। अधिवक्ता मौजूद वीडियो कान्फ्रेसिंग रूम का प्रयोग कर सकेंगे। सभी संबद्ध अदालतों को उपयुक्त इंटरनेट कनेक्टिविटी सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही जिला बारों से भी वार्ता कर आवश्यक कदम उठाने को कहा गया है। यहां यह भी बता दें कि कोरोना महामारी के चलते उच्च न्यायालय में भी अब सीधी सुनवाई नहीं होगी। सभी अदालतों में आगामी 19 अप्रैल से वीडियो कान्फेंसिंग से सुनवाई करने का निर्णय लिया गया है।