मुजफ्फरनगर। संतान की अनदेखी से आहत बुजुर्ग ने बेटे-बेटियों से संपत्ति के साथ-साथ अपने अंतिम संस्कार का हक भी छीन लिया। शनिवार को बुजुर्ग ने उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के नाम करीब डेढ़ करोड़ की अपनी संपत्ति के साथ शरीर की भी वसीयत कर दी है।
बुजुर्ग ने मरने के बाद जमीन पर अपने नाम से स्कूल या अस्पताल खोले जाने की इच्छा जाहिर की है। सब रजिस्ट्रार, बढ़ाना तहसील पंकज जैन ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि नत्थू सिंह ने राज्यपाल के नाम अपनी संपत्ति की वसीयत की है।
करीब डेढ़ करोड़ की संपत्ति और एक बेटे, चार बेटियों का पिता बुढ़ाना कोतवाली के गांव बिराल निवासी 80 वर्षीय नत्थू सिंह राजपूत पिछले चार-पांच महीनों से खतौली के वृद्धाश्रम में दिन काट रहे हैं। तहसील के दस्तावेज लेखक पवन सैनी ने बताया कि नत्थू सिंह की करीब डेढ़ करोड़ रुपये की संपत्ति है, जिसमें मकान और करीब दस बीघा कृषि भूमि शामिल है। वसीयत में लिखा है कि उनकी मौत के बाद उनकी जमीन पर उसके नाम से स्कूल या अस्पताल बनाया जाए। मृत्यु के पश्चात उनके शरीर को शोध/अनुसंधान अथवा किसी प्रकार के प्रयोग में इस्तेमाल करें।
राज्यपाल के नाम लिखी गई वसीयत में नत्थू सिंह की तरफ से कहा गया है कि उनका बेटा सहारनपुर में अपने परिवार के साथ रहता है और वह सरकारी शिक्षक है। चार बेटियां भी संपन्न परिवारों में ब्याही हैं। पांच बच्चों का पिता होने के बावजूद उनकी कोई देखभाल करने वाला नहीं है।






