खनन को लेकर फायरिंग: किंदा समेत 13 दोषियों को सात-सात साल की सजा

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काशीपुर। द्वितीय एडीजे रीतेश कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने खनन को लेकर फायरिंग कर 11 लोगों को घायल करने में 13 दोषियों को सात-सात साल की सजा सुनाई है। अदालत ने आरोपियों पर दस-दस हजार का जुर्माना भी लगाया है। साथ ही अन्य धाराओं में भी सजा सुनाई है।

22 अक्तूबर 2009 को ग्राम गोबरा, थाना बाजपुर निवासी स्वयंवर सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। कहा था कि सुबह के समय कुलविंदर सिंह किंदा, दिलबाग सिंह, जगतार सिंह, देवेंद्र सिंह उर्फ पिंटू बाबा, रंजीत सिंह उर्फ मंगा, शेर सिंह उर्फ शेरू, पालो सिंह, चानन सिंह, कृष्ण सिंह, गुरमीत सिंह, कुलवंत सिंह, कस्तूर सिंह उर्फ कस्तूरी सिंह, मंगा सिंह, सुखवंत सिंह उर्फ बिट्टू, जसपाल सिंह उर्फ पाला सिंह आदि बोलरो, तीन डंपर और ट्रैक्टर ट्रॉलियों से आए। उन्होंने उसके और उसके रिश्तेदारों के खेतों में खनन शुरू कर दिया। विरोध करने पर उन्होंने फायरिंग कर दी। गोली लगने से वह, पूरन सिंह, आशा कौर, कृष्णा, दलवीर सिंह, सर्वजीत, कुलवीर सहित 11 लोग घायल हो गए थे।

इंस्पेक्टर रवि कुमार ने मामले की विवेचना की। पुलिस ने दो आरोपियों को क्लीन चिट देते हुए शेष 13 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश की। बाद में कोर्ट ने दोनों आरोपियों कुलिवंदर सिंह उर्फ किंदा और पाला सिंह को भी तलब कर लिया। साक्ष्य नहीं मिलने पर जगतार सिंह को दोषमुक्त कर दिया गया। जबकि पाल सिंह पुत्र मोहन सिंह की मौत हो गई। अभियोजन की ओर से एडीजीसी रतन सिंह ने पैरवी की। अभियोजन की ओर से कुल 20 गवाह पेश किए गए।

संबंधित पक्षों को सुनने और पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों को देखने के बाद द्वितीय एडीजे ने सभी 13 दोषियों को हत्या के प्रयास में सात-सात साल की कैद और दस-दस हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना जमा न करने पर आरोपियों को तीन-तीन माह का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा। इसके अलावा आरोपियों को धारा 147 में एक-एक वर्ष, धारा 148 व 506 में दो-दो वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।

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