दिल्ली हाईकोर्ट का केंद्र की नीतियों पर सवाल: कहा कोविड ने एक भी परिवार को नहीं बख्शा, भगवान इस देश को बचाए

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दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 ने एक भी परिवार को नहीं बख्शा है और तब भी केंद्र सरकार के अधिकारी जमीनी हकीकत से बेखबर अपनी आरामगाहों में रह रहे हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि भारत में स्पूतनिक वी वैक्सीन के उत्पादन से देश को टीकों की कमी को दूर करने का एक अवसर मिल रहा है।
जस्टिस मनमोहन और जस्टिस नवीन चावला ने महामारी के हालात से निपटने को लेकर केंद्र से नाराजगी जताते हुए कहा कि भगवान इस देश को बचाए।
बेंच ने कहा कि स्पूतनिक वी वैक्सीन के उत्पादन के लिए पैनासिया बायोटेक की रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) के साथ साझेदारी को इस अवसर के रूप में देखा जाना चाहिए कि यहां इसका उपयोग हो और ऐसे मामलों में उच्च अधिकारियों से 30 मिनट के भीतर निर्देश प्राप्त किए जाएं। बेंच ने कहा कि जब सरकार के पास लाखों टीकों की डोज प्राप्त करने का अवसर है तब भी कोई दिमाग नहीं लगा रहा, जबकि सरकार को इसे एक अवसर के तौर पर अपनाना चाहिए।
बेंच ने कहा कि अन्यथा मौत होती रहेंगी। हर दिन सभी अदालतें आपसे नाराजगी जता रही हैं और तब भी आप नहीं जाग रहे। उन्होंने कहा कि कौन सा नौकरशाह आपको निर्देश दे रहा है। क्या उसे हालात की जानकारी नहीं है? भगवान देश को बचाए। बेंच ने कहा कि क्या आपका अफसर देश में इतनी बड़ी संख्या में हो रही मौतों को नहीं देख पा रहा। टीकों की भी कमी है। आपके मुवक्किल को हालात की जानकारी नहीं है।
इस मुद्दे पर केंद्र के रुख की आलोचना करते हुए बेंच ने कहा कि आपके पास टीकों की इतनी कमी है और आप इस पर ध्यान नहीं दे रहे। यह आपके लिए अवसर हो सकता है। इतने नकारात्मक मत होइए। यह आग भड़काने जैसा है और किसी को कोई फिक्र नहीं है। अदालत ने दिल्ली की पैनासिया बायोटेक की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये टिप्पणियां कीं।

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