देहरादून। उत्तराखंड सरकार की सख्ती के सामने आया कि प्राइवेट अस्पताल कोरोना के नाम पर मरीजों को किस कदर लूट रहे हैं। यह भी आयुष्मान योजना की कार्रवाई से साबित हो रहा है। आयुष्मान सोसायटी ने पिछले कुछ समय में 11 अस्पतालों द्वारा 33 मरीजों से लिए गए 11 लाख रुपये मरीजों को वापस कराए हैं। आयुष्मान योजना को संचालित कर रही स्टेट हेल्थ एजेंसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुणेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि आयुष्मान योजना के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों में कोरोना का इलाज पूरी तरह निशुल्क है। यदि किसी मरीज के पास कार्ड है तो इलाज के बदले मरीजों से पैसे नहीं लिए जा सकते।
उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से तय दरों पर अस्पताल आयुष्मान सोसायटी को बिल देंगे और उन्हें इलाज के बदले एक सप्ताह के भीतर भुगतान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मरीजों की शिकायतों और स्टेट हेल्थ एजेंसी की कार्रवाई के बाद अभी तक राज्य के 11 सूचीबद्ध अस्पताल 33 कोरोना संक्रमित मरीजों को इलाज के बदले लिए गए 11 लाख 13 हजार रुपये से अधिक पैसे वापस कर चुके हैं। उन्होंने राज्य के सभी सूचिबद्ध अस्पतालों से अपील की कि वे मरीजों से इलाज के नाम पर लिए गए पैसे तत्काल वापस करें और बिल भुगतान के लिए स्टेट हेल्थ एजेंसी को उपलब्ध कराएं।