नैनीताल। कुमाऊँ कमिश्नर अरविंद सिंह ह्यांकी ने कुमाऊं मंडल के सभी जिलाधिकारियों से कहा है कि हर अस्पताल में आक्सीजन का पूरा इंतजाम किया जाए। मौसम को देखते हुए जिलों में एक सप्ताह का कोटा पहले ही रख लिया जाए। स्पष्ट किया कि किसी भी मरीज की जान आक्सीजन की कमी से नहीं जानी चाहिए।
कुमाऊं कमिश्नर श्री ह्यांकी कोविड-19 संक्रमण से बचाव, रोकथाम एवं उपचार हेतु जिलाधिकारियों द्वारा किये जा रहे कार्यों की वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिये गहनता से समीक्षा की।आयुक्त कुमाऊं मंडल श्री ह्यांकी ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण के रोकथाम एवं उपचार हेतु अपने-अपने जनपदों में स्वास्थ्य सेवाओं का और अधिक बेहतर प्रबन्धन सुनिश्चित किया जाय। संक्रमण के प्रभावी रोकथाम हेतु समय-समय पर जारी एसओपी का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाये।उन्होंने कहा कि इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि मण्डल के सभी जिले में मरीजों को ऑक्सीजन एवं दवाओं की किसी भी तरह से कमी नहीं होने पाए। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि जनपदों में किसी भी प्रकार से आॅक्सीजन की कमी न हो इसके लिए सभी अधिकारी समय से उचित व्यवस्था कराते हुए खाली ऑक्सीजन सिलेंडरों को तत्काल रिफिलिंग के लिए सुरक्षा मानक का परीक्षण कर भेजा जाए। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि किसी भी दशा में खाली सिलेंडर को रोका ना जाए तथा यह सुनिश्चित किया जाये कि ऑक्सीजन की कमी किसी भी दशा में न हो। ऑक्सीजन की कमी के कारण किसी व्यक्ति की जान न जाये। उन्होंने जिलाधिकारियों को ऑक्सीजन मैनेजमेंट को बेहतर करने तथा डेथ ऑडिट कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आगामी वर्षाकालीन मौसम को देखते हुए सभी जनपद ऑक्सीजन का एक सप्ताह का पर्याप्त स्टॉक रखें। ऑक्सीजन के सिलेंडर चैबीसों घंटे भरवाकर रखें तथा इसकी नियमित मॉनिटरिंग भी करते रहें। उन्होंने यह भी कहा कि आॅक्सीजन की किसी भी प्रकार की कमी न हो इसके लिए ऑक्सीजन कन्संट्रेटर, ऑक्सीजन सिलेण्डरों की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाये।
उन्होने जिलाधिकारियों से कहा कि कोविड संक्रमण के रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए अधिक से अधिक लोगों की सैंपलिंग कराई जाये तथा दूरस्थ क्षेत्रों में ग्राम स्तर पर गठित निगरानी समिति द्वारा इसकी निरंतर गॉव में आने वाले व्यक्तियों की निगरानी की जाये। किसी भी व्यक्ति में कोविड-19 संक्रमण का लक्षण पाये जाने पर उसकी तत्काल सैपलिंग कराते हुए उन्हें दवा किट उपलब्ध कराई जाए।
उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के नियंत्रण एवं बेहतर उपचार के लिए जो भी आवश्यक व्यवस्थायें की जानी है, उन व्यवस्थाओं को जनपद स्तर पर ही सीएसआर एवं अन्य माध्यमों से समय से सुनिश्चित कराई जाय ताकि संक्रमितों का जल्द से जल्द और अधिक बेहतर उपचार हो सके। आयुक्त ने अस्पतालों में उपचार के लिए बैडों की संख्या, ऑक्सीजन की उपलब्धता, रेमडेसीवर इंजेक्शन तथा दवाओं की उपलब्धता व कंट्रोल रूम को लेकर महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने लोगों को कोविड-19 के बचाव व वैक्सीनेशन के संबंध में जानकारी भी ली। वीसी के दौरान मंडलायुक्त श्री ह्यांकी ने कहा कि जिला अस्पताल, स्वास्थ्य संस्थाओं एवं कोविड केयर सेंटर में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीजों के ऑक्सीजन लेवल, बीपी, तापमान आदि की लगातार मॉनिटरिंग करना सुनिश्चित करें। आयुक्त ने सभी जिलाधिकारियों को कोविड अस्पतालों का नियमित निरीक्षण और निगरानी करने का निर्देश दिये। उन्होंने अस्पतालों में बैड की संख्या, भर्ती मरीजों की संख्या, रिकवरी पेशेंट की संख्या, ऑक्सीजन बेड, आईसीयू बेड वेंटिलेटर बेड की स्थिति की समीक्षा करने और मरीजों के लिए समुचित व्यवस्था सुनिश्चित कराने व कोविड-19 की बेसिक दवा की निर्बाध आपूर्ति और उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए।
समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी धीराज सिंह गब्र्याल ने बताया कि जनपद में कोविड-19 के लिए जारी एसओपी का अनुपालन कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जनपद के सुशीला तिवारी चिकित्सालय में जल्द ही आॅक्सीजन स्टोरेज टेंक तथा प्लांट जल्द ही शुरू होने जा रहा है। इस प्लांट के क्रियाशील होते ही जहाॅ एसटीएच को आॅक्सीजन की आपूर्ति तेज गति से होगी वहीं 500 सिलेंडर रोज के हिसाब से मण्डल के पर्वतीय जिलों को भेजे जायेंगे। उन्होंने बताया कि मेडिकल काॅलेज में 500 बैड का कोविड होस्पीटल भी एक सप्ताह के भीतर क्रियाशील हो जायेगा। बैठक में निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डाॅ.शैलजा भट्ट, मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ.भागीरथी जोशी, उप जिलाधिकारी अनुराग आर्य व अन्य अधिकारी मौजूद थे।