हरिद्वार। एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल की बनाई रणनीति सफल हो रही है। एसटीएफ के मैनुअली सूचना तंत्र के बुने हुए जाल में फिर एक और कुख्यात शातिर हत्यारा फंस गया है। एसटीएफ ने हरिद्वार जिले में पांच वर्ष पूर्व घटित एक हत्या के प्रकरण में 16 दिवस के भीतर 50-50 हजार के दो इनामी अपराधियों को गिरफ्तार किया। यह शातिर हत्या आरोपी पिछले पांच सालों से लगातार फरार चल रहा था।
उत्तराखंड एसटीएफ द्वारा फिर एक बार एक और बड़ी कामयाबी हासिल की गई है । वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल के कुशल निर्देशन में एसटीएफ उत्तराखण्ड द्वारा अब तक 54 से अधिक खतरनाक शातिर व इनामी अपराधियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है । श्री अग्रवाल ने बताया कि एक व्यक्ति की हत्या के प्रकरण में थाना रानीपुर जनपद हरिद्वार में पंजीकृत मु0अ0सं0 270/18 धारा 302, 354(क) भादवि में कुख्यात अपराधी बलबीर सिंह पुत्र श्रवण गिरी मूल निवासी ग्राम चिड़ियापुर थाना लक्सर हरिद्वार हाल लेबर कालोनी सैक्टर-2 बीएचईएल रानीपुर हरिद्वार की धरपकड़ हेतु उत्तराखंड एसटीएफ द्वारा प्रयास किये जा रहे थे, जिसके फलस्वरुप उत्तराखण्ड एसटीएफ टीम द्वारा पिछले 05 वर्षो से वांछित कुख्यात ईनामी हत्यारे बलबीर सिंह को देर रात हरिद्वार के रानीपुर मोड के पास से गिरफ्तार किया गया।
उपरोक्त प्रकरण के सम्बन्ध में एसएसपी एसटीएफ ने बताया कि लेबर कालोनी रानीपुर हरिद्वार में दिनांक 10 अगस्त 2018 को वादी की पुत्री के साथ तीन व्यक्तियों द्वारा छेड़छाड़ की घटना की गयी थी जिसका विरोध उसके भाई हेमन्त द्वारा किया गया तो तीनों अभियुक्तों वीर सिंह, बलवीर एवं विरेन्द्र द्वारा हेमन्त के साथ मारपीट कर उसके सिर पर चोट मारकर हत्या कर दी। घटना के बाद तीनों अपराधी मौके से फरार हो गये थे। जिसमे से हरिद्वार पुलिस द्वारा एक अभियुक्त वीरेन्द्र को उसी समय गिरफ्तार कर लिया गया था, परन्तु इस घटना में शामिल अन्य 02 अभियुक्त वीर सिंह व बलबीर सिंह तब से लगातार फरार चल रहे थे। इन दोनो अभियुक्तों की गिरफ्तारी पर पुलिस उपमहानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र द्वारा 50-50 हजार का ईनाम घोषित किया गया था। ये दोनो ईनामी हत्यारे एसटीएफ की रडार पर थे, जिनकी गिरफ्तारी को लेकर पिछले काफी समय से एसटीएफ लगातार प्रयास कर रही थी। जिसके फलस्वरुप स्पेशल टास्क फोर्स उत्तराखंड द्वारा अभियुक्त वीर सिंह की गिरफ्तारी रामजीवाला छकड़ा थाना मण्डावर जनपद बिजनौर से कि गई थी । इसकी गिरफ़्तारी के पश्चात इसी मामले मे अन्य 50,000 के फरार इनामी अभियुक्त बलबीर को लेकर स्पेशल टास्क फोर्स उत्तराखंड को महत्वपूर्ण जानकारी मिली थी जिस पर स्पेशल टास्क फोर्स लगातार कार्य कर रही थी। इस अभियुक्त के बारे में सूचना मिली कि ये अपराधी कुछ दिन पहले से रानीपुर मोड हरिद्वार स्थित न्यू पंजाब ढाबा पर तंदूर का कार्य कर रहा है। इस सूचना पर स्पेशल टास्क फोर्स कि टीम द्वारा देर रात रानीपुर मोड हरिद्वार स्थित न्यू पंजाब ढाबा पर दबिश मार कर गिरफ्तार कर लिया अभियुक्त ने पूछताछ मे बताया कि घटना के बाद से ही यह वह राजस्थान चला गया था फिर वह दिल्ली व हरियाणा मे काफी दिनों तक अपनी पहचान छिपा कर अलग-अलग होटलों मे तंदूर का काम करता रहा कुछ दिन पहले रानीपुर मोड स्थित न्यू पंजाब ढाबे पर तंदूर का काम करने के लिए हरिद्वार आ गया था।
स्पेशल टास्क फोर्स ने इस प्रकरण मे फरार दोनों 50-50 हजार इनामी अपराधियों को पकड़ने मे विशेष रणनीति अपनाई गई क्योंकि दोनों ही अपराधी खानाबदोश किस्म के थे, इनका कोई स्थानी पता न होने के कारण गिरफ्तारी कर पाना बहुत कठिन हो रहा था साथ ही दोनों ही अपराधी किसी प्रकार से मोबाईल फोन का प्रयोग नहीं करते थे और अपने घरवालों के संपर्क मे भी नहीं रहते थे। अभियुक्तों कि गिरफ़्तारी पूर्णत मैनुवली सूचना पर सम्भव हो पायी है।
आरोपी बलबीर सिंह पुत्र श्रवण गिरी मूल निवासी ग्राम चिड़ियापुर थाना लक्सर हरिद्वार हाल लेबर कालोनी सैक्टर-2 बीएचईएल रानीपुर हरिद्वार हैं। इसको पकड़ने वाली पुलिस टीम में निरीक्षक अबुल कलाम,एसटीएफ उत्तराखण्ड, उपनिरीक्षक विद्या दत्त जोशी, एसटीएफ उत्तराखण्ड,
उपनिरीक्षक धर्मेन्द्र सिंह , एसटीएफ उत्तराखण्ड, उपनिरीक्षक यादवेन्द्र बाजवा , एसटीएफ उत्तराखण्ड, हेड कांस्टेबल संजय कुमार , एसटीएफ उत्तराखण्ड, महेन्द्र सिंह, एसटीएफ उत्तराखण्ड, संदेश यादव , एसटीएफ उत्तराखण्ड, हेड कांस्टेबल बिजेन्द्र चौहान , एसटीएफ उत्तराखण्ड, मोहन असवाल, एसटीएफ उत्तराखण्ड शामिल थे।