चम्पावत। लोहाघाट पुलिस ने व्यापार मंडल अध्यक्ष के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। उन पर आरोप है कि उन्होंने कोरोना से मृत महिला के शव का अंतिम संस्कार नहीं करने दिया। शनिवार को थाना लोहाघाट क्षेत्रान्तर्गत मिर्तोली बाराकोट निवासी बसन्ती देवी पत्नी कल्याण सिंह की कोरोना संक्रमित होने के चलते आकस्मिक निधन हो गया था। विगत दिनों कोरोना संक्रमण के कारण उनके पति लक्ष्मण राम का भी निधन हो गया था। मिर्तोली गांव व आसपास के इलाके में पिछले दिनों में 30-35 व्यक्तियों के कोरोना संक्रमित पाए गए। इस वजह से क्षेत्र को माइक्रो कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया था। महिला की मौत होने पर उसके बेटे के अलावा अन्य कोई भी व्यक्ति महिला के अन्तिम संस्कार के लिए मौजूद नहीं था। इस पर महिला के पुत्र ने पुलिस से मदद मांगी थी।
सूचना पर पुलिस व एसडीआरएफ टीम ने ग्राम मिर्टोली में जाकर महिला के शव को कब्जे में लिया और अंतिम संस्कार के लिए रामेश्वर घाट ले जाना चाहा। लोहाघाट पिथौरागढ़ राजमार्ग बंद होने के चलते महिला के शव को कोराेना संक्रमण से मृत व्यक्तियों के अंतिम संस्कार के लिए देवराडी बैंड से नीचे बनाए गए अस्थाई अन्तिम संस्कार स्थल ले जाने की तैयारी की गई।इस दौरान महिला के शव को ले जाने के लिए किसी भी वाहन चालक द्वारा गाड़ी चलाने से मना कर दिया गया। जिस पर थाना लोहाघाट में नियुक्त आरक्षी व होमगार्ड द्वारा वाहन को चलाकर मृत शरीर को लोहाघाट क्षेत्र तक पहुंचाया गया।
आरोप है कि इसी दौरान भैरव दत्त राय अध्यक्ष व्यापार मंडल लोहाघाट निवासी चौड़ी रायनगर के नेतृत्व में क्षेत्र के 20-25 के व्यक्तियों द्वारा एकत्रित होकर कोरोना नियमों का उल्लंघन करते हुए संक्रमित महिला के शव को प्रशासन द्वारा चिन्हित स्थल पर अंतिम संस्कार करने से रोका गया। पुलिस द्वारा बार-बार कोरोना नियमों का पालन करने हेतु समझाने के बावजूद भी उनके द्वारा इसका विरोध किया गया तथा प्रशासन को राज कार्य करने से तथा लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन कर महिला के शव का अंतिम संस्कार करने से रोका गया। जिस कारण पुलिस प्रशासन द्वारा महिला के शव का रिश्सेश्वर घाट लोहाघाट पर अंतिम संस्कार करना पड़ा। मामले को लेकर थाना लोहाघाट पुलिस द्वारा अध्यक्ष व्यापार मंडल भैरव दत्त राय के विरुद्ध कोरना नियमों का उल्लंघन करने, राजकार्य में बाधा डालने एवं संक्रमित महिला के शव को प्रशासन द्वारा चयनित स्थल पर अंतिम संस्कार करने के आरोप में धारा 188/ 268/269, 51बी आपदा प्रबंधन अधिनियम तथा तीन महामारी अधिनियम के तहत अभियोग पंजीकृत किया गया है। पुलिस ने चेतावनी दी है कि यदि किसी व्यक्ति द्वारा उत्तराखंड सरकार द्वारा पारित कोराेना नियमों का उल्लंघन किया जाएगा या राजकीय कार्यों में बाधा डाली जाएगी तो उसके विरुद्ध नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही कर अभियोग पंजीकृत किया जाएगा।