हल्द्वानी। भारतीय जनता पार्टी के नैनीताल के विधायक संजीव आयॅ ने कोरोना महामारी में लगाए गए कोविड कंफ्यूॅ के बाद राज्य की चरामराई आथिॅक स्थिति पर चिंता जताई है। इस संबंध में मुख्यमंत्री और प्रदेश के वित्त सचिव को विस्तार से पत्र भेजकर बाजार खोलने का अनुरोध किया है।
विधायक संजीव आयॅ ने कहा है कि कोविड 19 के कारण दैनिक श्रमिकों, व्यापारी, पवॅतीय क्षेत्रों में पयॅटन व्यवसाय से जुड़े लोगों के लाखों परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया। व्यापार और अन्य व्यवसाय करने के लिए ऋण लेकर काम करने वाले लोगों को ब्याज वापस करने की स्थिति में नहीं है। इसलिए ऐसे लोगों को ऋण की किस्त जमे करनः के लिए समय दिया जाए। कहा है कि एक साल से कोरोना के पहले और दूसरे चरण में काम धंधा ठप है। दैनिक मजदूरी करने वालों के सामने भी आथिॅक संकट है। विधायक ने कहा कि ऐसे लोग परिवार के पालन-पोषण की स्थिति में नहीं है। ऐसे लोगों को भी वित्तीय सहायता प्रदान करते हुए उनके ऋण जमा करने का समय बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार से बातचीत की जाए।
विधायक ने मुख्यमंत्री और वित्त सचिव से अनुरोध किया है कि राज्य की अर्थव्यवस्था को दुबारा पटरी पर लाने के लिए व्यापारियों को 2013 के आपदा की तरह भारतीय रिजवॅ बैंक से किश्त जमा करने का समय विस्तार किया जाए। विधायक ने कहा कि एक साल पहले सरकार ने इमरजेन्सी क्रेडिट लाइन उपलब्ध कराई गई थी। जिसके तहत लिए गए ऋणों की गारंटी नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट ने ली थी। इस योजना में सहकारी बैंक शामिल नहीं थे। जिस कारण सहकारी बैंकों से छोटे रोजगार के लिए ऋण लेने वालों को लाभ नहीं मिला। निवेदन किया है कि राज्य सरकार और वित्त विभाग इस संबंध में भारत सरकार के वित्त मंत्रालय से सहकारी बैंकों को भी इस योजना में शामिल कराने प्रयास करें।
श्री आयॅ ने कहा है कि हरिद्वार, ऋषिकेश के अलावा राज्य के पहाङी जिलों में पयॅटन और इससे जुड़े लाखों परिवार से जुड़े है वह राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करते हैं। नैनीताल विधानसभा का जिक्र करते हुए कहा कि नैनीताल शहर, भवाली, भीमताल, रामगढ़ आदि क्षेत्रों में बाजार बंद सोने से यहां के दुग्ध उत्पादक, सब्जी उत्पादक, पुष्प उत्पादक, फल उत्पादक भुखमरी के कगार पर आ गए है। पयॅटन व्यवसाय बंद होने से असंगठित क्षेत्र के निधॅन फङ व्यवसायी, टूरिस्ट गाइड, नाव चालक, घोंघे वाले, होटल कमी त॔गहाली से रोटी के लिए परेशान हैं। कहा है कि कोरोना के चलते प्रदेश की अर्थव्यवस्था भी अच्छी नहीँ है। सभी व्यवसायी परेशान हैं। सबसे अधिक प्रभाव दैनिक श्रमिकों पर पङा है। कहा है कि अब कोरोना पाॅजिटिव दर कम हो गई है। इसलिए बाजारों को खोला जाना आवश्यक है गया है।