देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने केंद्रीय सङक, परिवहन राजमार्ग मंत्री नितिन गोरी के सामने उत्तराखंड की सडकों की समस्या को रखा। केंद्र सरकार ने उत्तराखंड को प्रदेश की विभिन्न सड़कों के निर्माण को केंद्रीय सड़क अवस्थापना निधि (सीआइआरएफ) के अंतर्गत 615.48 करोड़ के प्रस्तावों पर सैद्धांतिक सहमति प्रदान की है। इससे प्रदेश में सड़क निर्माण के कार्यों में तेजी आने की उम्मीद है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर राज्य के सात राजमार्गों को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने का अनुरोध किया है।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सोमवार को नई दिल्ली में केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री से मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि प्रदेश सरकार सीआइआरएफ के अंतर्गत भेजे गए प्रस्ताव अभी तक केंद्र में लंबित हैं। इस पर केंद्रीय मंत्री ने इन प्रस्तावों को सैद्धांतिक सहमति प्रदान करते हुए कहा कि जल्द ही विधिवत स्वीकृति जारी कर दी जाएंगी। मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि केंद्र सरकार द्वारा छह राज्य मार्गों को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई है।
केंद्र सरकार की अपेक्षा के अनुसार राज्य सरकार द्वारा प्रस्ताव भी उपलब्ध करा दिया गया है। इन राजमार्गों में 34 किमी लंबा खैरना-रानीखेत राजमार्ग, 49 किमी लंबा बुआखाल-देवप्रयाग राजमार्ग 70 किमी लंबा देवप्रयाग-गजा-खाड़ी राजमार्ग, 64 किमी किमी लंबा पांडुखाल-नागचुलाखाल-उफरीखाल-बैजरों राजमार्ग, 33 किमी लंबा बिहारीगढ़-रोशनाबाद राजमार्ग और 274 किमी लंबा लक्ष्मणझूला-दुगड्डा-नैनीडांडा-मोहन-रानीखेत राजमार्ग शामिल हैं। उन्होंने शीघ्र इन राजमार्गों को राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में घोषित करने का अनुरोध किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश-भानियावाला राजमार्ग को भी राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में घोषित करने का भी अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विश्व प्रसिद्ध चार धामों (बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री एवं यमुनोत्री) तक जाने वाले श्रद्वालुओं व पर्यटकों के लिए ऋषिकेश-भानियावाला, मोटर मार्ग छोटा संपर्क मार्ग होने के कारण महत्वपूर्ण है। राज्य का महत्वपूर्ण जौलीग्रांट एयरपोर्ट भी ऋषिकेश-भानियावाला के बीच स्थित है। दो लेन का मार्ग होने के कारण इसमें वाहनों की संख्या काफी अधिक रहती है।
इस भाग का चौड़ीकरण होने से चारों धामों की जौलीग्रांट एयरपोर्ट तक पहुंच अत्यंत सुगम हो जाएगी। यह मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में अधिसूचित न होने से केंद्र सरकार की योजनाओं में भी शामिल नहीं हो पा रहा है। इस पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सभी मांगों पर गंभीरता से विचार कर उचित समाधान निकाला जाएगा। उत्तराखंड के चारों धामों में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए केंद्र सरकार हर संभव मदद करेगी।