फिर चर्चा में डॉ यशपाल सिंह नेगी: आईएचएम में फर्जी दस्तावेज से नौकरी पाने का मुकदमा

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देहरादून। पर्यटन विभाग और आईएचएम में चर्चा का विषय बने तत्कालीन निदेशक/प्राचार्य डॉ. यशपाल सिंह नेगी के खिलाफ एक और मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मुकदमे में भी उन्हें फर्जीवाड़े से नियुक्ति पाने को लेकर आरोपी बनाया गया है। यह मुकदमा स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट की तरफ से दर्ज कराया गया है। पूर्व का मुकदमा पर्यटन विभाग की तरफ से दर्ज है।

इंस्पेक्टर कैंट गिरीश चंद शर्मा ने बताया कि आईएचएम गढ़ी कैंट के प्राचार्य डा. जगदीप खन्ना ने तहरीर दी। जिसमें कहा कि डा. यशपाल सिंह नेगी ने आईएचएम देहरादून और एसआईएचएम रामनगर के प्रधानाचार्य के पद के लिए दो जून 2023 और चार अगस्त 2023 में विज्ञप्ति के अंतर्गत आवेदन किया। आईएचएम देहरादून और एसआईएचएम रामनगर की स्क्रीनिंग कमेटी ने उनके दस्तावेजों में जांच में गड़बड़ियां पकड़ीं। पाया कि एसआईएचएम नई टिहरी के कार्यालय आदेश संख्या 3711 दिनांक 27 जनवरी 2016 के तहत उनको निदेशक/प्राचार्य का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था। उन्होंने अपने आवेदन में यह घोषणा की कि वह आठ सितंबर 2015 से आईएचएम देहरादून और एसआईएचएम रामनगर में प्रधानाचार्य पद के लिए आवेदन करने की अन्तिम तिथि तक निदेशक/प्राचार्य का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे थे। आरोप है कि आवेदन में यह घोषणा गलत थी। इसके अलावा नेगी पर सेंटर फार माउंटेन टूरिज्म एंड हास्पिटालिटी स्टडीज श्रीनगर गढ़वाल में प्रवक्ता पद नियुक्ति समय में भी फर्जीवाड़ा का आरोप है। सचिव पर्यटन के आदेश पर उनके खिलाफ यह केस दर्ज कराया गया है। इससे कुछ दिन पहले पर्यटन विभाग ने फर्जी नियुक्ति मामले में कुछ इस तरह का केस उनके खिलाफ दर्ज कराया।

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