पर्यावरण प्रभाव निर्धारण प्राधिकरण की संस्तुति पर पिथौरागढ़ में 30 सितम्बर तक खनन प्रतिबंधित

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पिथौरागढ़। पिथौरागढ़ जिले में बरसात के मौसम को देखते हुए 30 सितम्बर तक सभी प्रकार के खनन पर रोक लगा दी है। इस अवधि में सोप स्टोन और मैग्नेसाइट का खनन भी प्रतिबंध रहेगा।
जिलाधिकारी आनन्द स्वरूप ने बताया कि जनपद की विषम भौगोलिक परिस्थिति, भूस्खलन, जनहानि की संभावना एवं पर्यावरण व वन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा गठित राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव निर्धारण प्राधिकरण उत्तराखण्ड से प्राप्त पर्यावरणीय अनुमति में उल्लिखित शर्ताें के अंतर्गत मानसून सत्र के अंतर्गत आगामी 30 सितंबर, 2021 तक जनपद पिथौरागढ़ अंतर्गत मुख्य खनिज एवं गौण खनिज के स्वीकृत समस्त खनन पट्टा जैसे- मैग्नेसाइट, डोलोमाइट, सोपस्टोन, लाइमस्टोन (निम्नग्रेड) क्षेत्रों में खनन/निकासी कार्य पर प्रतिबंध लगाया जाता है। इस निर्धारित अवधि में पट्टाधारक अपने-अपने पट्टा क्षेत्रों में खनन कार्य से बने पिट्स को भरकर समतल करने, पट्टा क्षेत्र में भू-स्खलन की रोकथाम हेतु वृक्षारोपण आदि कार्य एवं खनन पट्टा/पर्यावरणीय अनुमति में उल्लिखित समस्त शर्तों का पूर्ण अनुपालन करेंगे। जिलाधिकारी ने उक्त सम्बन्ध में समस्त उप जिलाधिकारियों एवं खान अधिकारी, पिथौरागढ़ को निर्देश दिए कि पट्टेधारकों से उक्त अनुपालन को सुनिश्चित करवाते हुए संयुक्त रूप से सत्यापन आख्या उपलब्ध कराएंगे, साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि प्रतिबंधित अवधि में पट्टाक्षेत्रों में किसी भी दशा में खनन कार्य न किया जाए। इसके अतिरिक्त उप खनिज बालू बजरी, बोल्डर तथा रिवर ट्रेनिंग का कार्य आगामी1 जुलाई 2021से 30 सितंबर 2021 तक बन्द रहेगा।

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