क्या उत्तराखंड में उत्पन्न हो सकता है संवैधानिक संकट: कांग्रेस नेता नव प्रभात ने दिया संविधान का हवाला, कहा-उत्तराखंड में अब नहीं हो सकते उप चुनाव

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देहरादून । पिछले कुछ दिनों से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के गंगोत्री से चुनाव लड़ने की चर्चायें हैं। लेकिन दूसरी ओर संविधान का हवाला देकर उत्तराखंड में संवैधानिक संकट की भी चर्चायें जोर पकड़ रही है। यदि कांग्रेस नेता नव प्रभात दावे सही हैं तो राज्य में निर्धारित समय से पहले हो सकते हैं विधानसभा चुनाव।
कांग्रेस नेता नवप्रभात ने संविधान का उदाहरण देकर इस बात को बल दिया है। नवप्रभात ने एक न्यूज एजेंसी से कहा है कि, ‘उत्तराखंड में एक संवैधानिक संकट निश्चित लग रहा है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत इस समय एमएलए नहीं हैं। इस पद पर बने रहने के लिए उन्हें 6 महीने के अंदर विधानसभा का चुनाव जीतकर आना है, जो कि 9 सितंबर को पूरा हो रहा है। लेकिन, जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 151ए के तहत अगर आम चुनाव होने में यदि सिर्फ एक साल बाकी है तो उपचुनाव नहीं करवाए जा सकते।’ कांग्रेस नेता ने बताया कि मौजूदा वक्त में सीटिंग एमएलए के निधन के चलते गंगोत्री और हलद्वानी विधानसभा सीट खाली है। उन्होंने कहा, ‘उत्तराखंड में अभी दो विधानसभा सीट खाली हैं। मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल मार्च 2022 में खत्म हो जाना चाहिए। इसका मतलब है कि कार्यकाल खत्म होने में सिर्फ 9 महीने बच गए हैं। इस हिसाब से देखें तो मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के लिए 9 सितंबर, 2021 के बाद पद पर बने रहना मुमकिन नहीं है।’ ऐसे में अब चुनाव आयोग के पाले में गेंद है। देखना होगा कि चुनाव आयोग इस बारे में क्या निर्णय लेता है।

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