टिहरी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज टिहरी जिले में आपदा प्रभावित क्षेत्र घूतु पहुंचे। यहां वह आपदा पीड़ित दुर्गा देवी से मिले। इस दाैरान वह भावुक हो गई। उन्होंने क्षेत्र के पीड़ितों को हर संभव मदद का आश्वान दिया। सीएम धामी ने कहा कि जिला प्रशासन को कहा गया है कि आसपास के क्षेत्रों का आकलन करें। प्रभावितों की हर संभव मदद की जाए।
बता दें कि भिलंगना ब्लाक के घुत्तू क्षेत्र में हुई अतिवृष्टि से कई गांवों में भारी नुकसान हुआ है। तेज बारिश में किसी अनहोनी की आशंका में रतजगा कर रहे ग्रामीणों ने समय रहते अपने घर छोड़ दिए जिससे जनहानि होने से बच गई। मलबे के सैलाब के बीच लोगों को अपनी जान बचाने के लिए रात को अंधेरे में घर छोड़कर भागना पड़ा। लेकिन कमरों में बंधे करीब 16 गौवंश की मलबे में दबकर मौत हो गई। जबकि नौ आवासीय मकान पूर्ण और कई आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं।
भिलंग पट्टी में मंगलवार रात को हुई तेज बारिश से तबाही मच गई। लोग बुधवार सुबह तक बारिश थमने का इंतजार करते रहे। जगह-जगह हुए भूस्खलन और उफान पर आए गाड-गदेरों में आए मलबे की चपेट में आने से कई आवासीय मकान तबाह हो गए। अतिवृष्टि से आए मलबे से जोगियाड़ा गांव की धनपति देवी पत्नी चैत सिंह का चार कमरों का मकान, रसोईघर और शौचालय ध्वस्त हो गया है। इसी उनके मकान के ऊपर भारीभरकम एक पेड़ भी टूट कर गिर गया।
धनपति ने बेटी रेशमा के साथ भागकर जान बचाई। इसी गांव में सौणी देवी का पांच कमरों का मकान ध्वस्त हो गया। उनकी गौशाला में बंधी दो गाय और एक बछड़़ा मलबे में दब गया। वहां धनपाल सिंह गौशाला में बंधे दो बछड़े भी मलबे में दबकर मर गए। गांव के केदार सिंह, रणजीत सिंंह का मकान भी क्षतिग्रस्त हो गया। खतरे को देखते हुए कुंवर देई, रोशनी देवी, सब्बल सिंह, गोविंद सिंह, नत्थी सिंह, गोपाल सिंह, रणवीर सिंह, बाल सिंह, विजय सिंह, महेंद्र सिंह को भी अपने घर छोडऩे पड़े हैं।
सभी प्रभावित अपनी रिश्तेदारी में चले गए हैं। मेंडू -सिंधवाल गांव में चंद्रभूषण की चार दुकानें क्षतिग्रस्त हो गई। गांव के प्रधान कुंवर सिंह ने बताया कि अतिवृष्टि से मेडू-सिंधवाल-कैलबागी का मोटर पुल भी ध्वस्त हो गया। नुकसान का जायजा लेने क्षेत्र में पहुंची ब्लाक प्रमुख वसुमति घणाता, जिला पंचायत सदस्य सीता देवी, आनंद बिष्ट, केदार बर्तवाल, रुकम लाल, राजेंद्र सजवाण ने क्षेत्र में यातायात, बिजली और पानी की आपूर्ति जल्द बहाल करने की मांग की।
मलेथा गांव में गुणानंद, राजेश प्रसाद, अनुज का मकान ध्वस्त हो गया। गांव के सुरेश प्रसाद और देवानंद के घरों को भूस्खलन का खतरा बना हुआ है। खतरे को देखते हुए गांव के 10 परिवारों को प्राथमिक स्कूल मलेथा ने शिफ्ट किया गया है। समन गांव में राजेंद्र प्रसाद का मकान भी ध्वस्त हो गया। बताया गया कि वह दो दिन पहले ही दूसरी जगह शिव मंदिर में रुद्री पाठ कराने गए थे। घुत्तु के रानीडांग में कमल सिंह की छत पर भी मलबा आया है, लेकिन उन्होंने घर नहीं छोड़ा।
इस गांव के अन्य चार परिवारों के मकान भी खतरे की जद में आने के कारण उन्हें नव जीवन आश्रम इंटर कालेज में शिफ्ट किया गया है। गवाना गांव में हयात सिंह और जसपाल सिंह की गौशाला में बंधी बंधी तीन गाय मलबे में दब गई। सांकरी गांव में भी चार परिवारों के घरों में मालबा भर गया था, लेकिन उन्होंने अभी तक अपने घर नहीं छोड़े। सटियाला गांव में खेतों में उगी फ सल, पेयजल लाइन, संपर्क मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए। भाट गांव, अंकवान गांव, कैलबागी में भी भूस्खलन से फसलों को काफी नुकसान हुआ है।