पंतनगर। मोबाइल तकनीक के कारण सभी आयुवर्ग के लोगों में पढ़ने लिखने की आदतें कम होती जा रही हैं, ऐसे में “किताब कौतिक अभियान” ने उत्तराखंड के दुर्गम इलाकों में पुस्तक मेलों के माध्यम से एक नई लहर पैदा की है। पूरे देश के साहित्यप्रेमियों ने इस अनूठी रचनात्मक पहल का स्वागत किया है।
टनकपुर, बैजनाथ, चंपावत, पिथौरागढ़, द्वाराहाट, भीमताल, नानकमत्ता, हल्द्वानी, रानीखेत और टिहरी के बाद “किताब कौतिक अभियान अब हरित क्रांति की जन्मस्थली पंतनगर विश्वविद्यालय पहुंच रहा है। आगामी 8-9-10 नवंबर 24 को पंतनगर विश्वविद्यालय में किताबों का अनूठा मेला लगने जा रहा है। पंतनगर विश्वविद्यालय के डीन डॉ. आनंद सिंह जीना ने बताया कि इसका आयोजन क्रिएटिव उत्तराखंड और जनरल बिपिन रावत पर्वतीय विकास शोध शिक्षणालय, पंतनगर द्वारा किया जाएगा। देशभर से प्रसिद्ध लेखक, कलाकार, सामाजिक कार्यकर्ता और शीर्ष प्रकाशक इस आयोजन का हिस्सा बनने के लिए पंतनगर पहुंचेंगे।
साहित्य, शिक्षा, पर्यटन और संस्कृति का उत्सव “किताब कौतिक” 11 सफल पड़ावों के बाद अपने 12वें चरण में पंतनगर विश्वविद्यालय पहुंच गया है। 8-9-10 नवंबर 2024 को “आओ, दोस्ती करें क़िताबों से” के विचार के साथ 75 प्रकाशकों की करीब 80 हजार पुस्तकें साहित्य प्रेमियोंप्रेमियों के अवलोकन और खरीद के लिए उपलब्ध रहेंगी। उत्तराखंड के दूरस्थ इलाकों में खेती, पशुपालन, बागवानी में उत्कृष्ट काम कर रहे प्रगतिशील किसान इस कार्यक्रम में उपस्थित होकर अपने अनुभव साझा करेंगे। इसके अलावा साहित्यिक विमर्श, कवि सम्मेलन, नेचर वॉक, पुस्तक विमोचन और सांस्कृतिक संध्या सहित कई रोचक कार्यक्रम होंगे। साहित्यिक परिचर्चा, प्रसिद्ध लेखकों से सीधी बात, स्कूली बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम, बच्चों के लिए विज्ञान कोना, नेचर वाक, आमंत्रित कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक संध्या, एकल नाट्य प्रस्तुतियां, हस्त-शिल्प स्टाल्स भी होंगे। साहित्यिक सत्र में खेती – पशुपालन, इतिहास, शिक्षा, साहित्य और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा चर्चा सहित अनेक समसामयिक विषयों पर विमर्श होगा। इसके अतिरिक्त स्कूली बच्चों के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे। कार्यक्रम संयोजक हेम पंत और दयाल पांडे ने बताया कि किताब कौतिक से पहले बाल प्रहरी के संपादक और साहित्यकार उदय किरौला द्वारा बच्चों के लिए 5 दिवसीय रचनात्मक लेखन कार्यशाला आयोजित की जाएगी।