उत्तराखंड में नकली नोट चलाने वाले गिरोह का भंडाफोड़, लाखों रुपए के नकली नोटों के साथ छह गिरफ्तार

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हरिद्वार। उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में पुलिस ने नकली नोटों के साथ बाइक सवार चार आरोपियों को गिरफ्तार किया. आरोपियों के कब्जे से 500-500 के 44 नोट नकली नोट यानी कुल 22 हजार रुपए बरामद हुए है. पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर उसने पूछताछ की तो कई चौकने वाली जानकारी सामने आई है. इसके बाद पुलिस ने दो और आरोपियों को देहरादून से अरेस्ट किया, जिसमें पास भी करीब दो लाख रुपए नकली नोट बरामद हुए।

जानकारी के मुताबिक रानीपुर कोतवाली क्षेत्र में पुलिस चेकिंग कर रही थी. तभी उनकी नजर दो बाइकों पर सवार चार लोगों पर पड़ी, जिन्हें पुलिस ने रोक लिया. पुलिस ने जब आरोपियों की तलाशी ली तो उनके पास करीब 44 नकली नोट निकले. सभी नोट 500-500 के थे।
पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपियों के नाम सौरभ निवासी थाना देवबंद जिला सहारनपुर, निखिल निवासी थाना सरसावा जिला सहारनपुर, अनंतबीर थाना बाबूगढ छावनी जिला हापुड़ और नीरज निवासी गांधी कॉलोनी देवबंद सहारनपुर हैं। चारों आरोपियों से जब पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि उनके दो अन्य साथी मोहित और विशाल देहरादून के सुद्धोवाला में किराए पर कमरे पर लैपटॉप व प्रिंटर की मदद से नकली नोट बनाने का काम करते है। हरिद्वार पुलिस ने तत्काल एक टीम को देहरादून भेजा और प्रेमनगर थाना क्षेत्र के सुद्धोवाला से मोहित को अरेस्ट किया. मोहित के पास भी पुलिस को करीब 500-500 के 200 नकली नोट यानी कुल एक लाख रुपए बरामद हुए. मोहित के कमरे से लैपटॉप, प्रिंटर, दो ब्लेड कटर, दो चमकीली ग्रीन टेप और नोट छापने का सामान बरामद किया।

इसके अलावा दूसरे आरोपी विशाल को पुलिस ने देहरादून के पटेल नगर थाना क्षेत्र के दून एनक्लेव से गिरफ्तार किया. विशाल के पास भी 500-500 के 207 नकली नोट यानी कुल मिलाकर एक लाख तीन हजार रुपए बरामद हुए है. इसके अलावा विशाल के कमरे से भी लैपटॉप, प्रिंटर व नकली नोट बनाने का सामान जब्त किया गया.जानें कैसे बनाए जाते थे नकली नोट: पुलिस ने मुताबित पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने लैपटॉप में 500 के असली नोट स्केन कर रखे हुए थे. उसी असली नोट से आरोपी जाली नोट तैयार करत थे. इसके बाद उन नकली नोटो को आरोपी देहरादून और हरिद्वार के बाजारों में बड़ी चालाकी से चलाते थे।
पुलिस के अनुसार आरोपी नकली नोट ज्यादा भीडभाड़ वाले इलाकों और बुजुर्ग दुकानदारों के पास की चलाते थे. आरोपी, दुकानदार को 500 का नोट देकर 100 या 150 रुपए का सामान ले लिया करते थे. बाकी के बचे हुए पैसे उन्हें असली मिल जाते थे. इस तरह से ये लोग बाजार से मोटा मुनाफा उठाते थे।आरोपी मोहित और निखिल कुमार इससे पहले भी नकली नोट छापने और बाजार में चलाने के आरोपी में हिमाचल प्रदेश के नहान में जेल जा चुके है. वहीं मोहित पर देहरादून जिले के विकासनगर थाना क्षेत्र में रेप का मुकदमा भी दर्ज हुआ था. इस केस में भी मोहित जेल जा चुका है।

इसके अलावा आरोपी सौरभ भी देहरादून के पटेल नगर थाना क्षेत्र में बैग छीनने के मामले में जेल जा चुका है. सौरभ मूल रूप से यूपी के सहारनपुर जिले का रहने वाला है, जो पांचवीं तक ही पढ़ा है. सौरभ की शादी नहीं हुआ है. सौरभ के माता-पिता की पहले ही मौत हो चुकी है. सौरभ के दोनों भाई हलवाई का काम करते हैं, जिन्होंने उसे पहले ही बेदखल कर रखा है। वहीं आरोपी विशाल व नीरज सगे भाई है और दोनों सौरभ के दोस्त है. सौरभ, विशाल और नीरज तीनों एक ही गांव के रहने वाले है. विशाल व नीरज देहरादून के चंद्रबनी में किराए पर रहते है. ये दोनों भाई भी जाली नोट बनाने का काम करते थे। सौरभ पिछले 15-20 दिन नीरज व विशाल के साथ उनके किराए के कमरे पर रहा, जहां विशाल के माध्यम से मोहित के साथ दोस्ती हुई.मोहित भी सुद्धोवाला देहरादून में किराए के कमरे में रह कर प्रिंटर व लैपटॉप से 500 के नकली नोट छापता है। लालच में आकर आरोपी सौरभ भी इनके साथ जुड़ गया. वहीं, निखिल कुमार 12वीं तक पढ़ा है, जो पूर्व में हरिद्वार में ही रहता था और कंपनी में सिक्योरिटी की जॉब करता था. निखिल साल 2021 में नाहन हिमाचल प्रदेश से नकली नोटो के मामले में जेल भी जा चुका है।


मोहित नकली नोट बनाने में महिर है. मोहित के कहने पर ही विशाल व मोहित, अनंतवीर नाम के व्यक्ति के साथ मिलकर नकली नोट से बाजार में सामान खरीदते थे. अनंतवीर मूल रूप से हापुड़ जिले का रहने वाला है, जो साल 2001 में बंगाल इंजीनियरिंग सेंटर था, लेकिन 2004 में एक्सीडेंट होने के कारण आर्मी की नौकरी छोड दी. अनंतवीर साल 2022 में GRP नजीवाबाद जिला बिजनौर से लूट के मामले मे जेल गया था. इसी बीच अपने किसी दोस्त के माध्यम से मोहित से मुलाकात होने पर इस धंधे में आया।

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