दलित नेता जगदीश की मौत के दो साल बाद भी नहीं मिल पाया मृत्यु प्रमाण पत्र, दर-दर भटक रही है पत्नी गंगा

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अल्मोड़ा। उपपा के दलित नेता जगदीश की एक सितंबर 2022 को भिकियासैंण के पास सुनियोजित रूप से अपहरण कर निर्मम हत्या कर दी गई थी। पिछले दो वर्षों से जगदीश के परिजनों को उसका मृत्यु प्रमाण पत्र ज़ारी नहीं किया जा रहा है। अपने भाई दिलीप के साथ अल्मोड़ा न्यायालय में गवाही के लिए आई गंगा ने आज बताया कि वे पिछले दो वर्षों से अपने मृतक भाई जगदीश के मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए तहसील, एसडीएम, जिलाधिकारी कार्यालय एवं अस्पताल के चक्कर काट चुकी हैं, लेकिन पूरी सरकारी मशीनरी उन्हें गुमराह कर रही है।

जगदीश की बहन गंगा ने बताया कि वे तमाम संबंधित कार्यालयों में दर्जनों बार चक्कर लगाकर प्रार्थना पत्र व शपथ पत्र भी पेश कर चुकी हैं। लगातार फोन करते करते भी थक गए हैं लेकिन सरकार में कहीं उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। मृतक जगदीश के परिजनों का कहना है कि मृत्यु प्रमाण पत्र न मिलने के कारण हर जगह कानूनों अड़चनें आ रही हैं।
जगदीश की मृत्यु के बाद उसकी पत्नी को रोज़गार देने की बात उठी थी पर रोज़गार की कौन कहे? आज उनकी विधवा को अपने अबोध बच्चे के लालन पालन के लिए विधवा पेंशन के फॉर्म भरने के लिए भी मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं दिया जा रहा है जिससे उनका परिवार आहत है। इधर उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने कहा कि यदि इस मामले में तत्काल मृत्यु प्रमाण पत्र ज़ारी नहीं किया गया तो इस मामले को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा।

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