देहरादून। उत्तराखंड के भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय के निदेशक राजपाल लेघा के नेतृत्व में विभाग ने
वर्ष 2022-23 में राज्य सरकार के द्वारा भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय उत्तराखण्ड को कुल 875 करोड का राजस्व लक्ष्य रखा गया था, जिसके सापेक्ष भूतत्त्व एवं खनिकर्म निदेशालय द्वारा 472.25 करोड राजस्व अर्जित किया गया व वर्ष 2023-24 में भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय उत्तराखण्ड देहरादून को राज्य सरकार द्वारा कुल 875.00 करोड रूपये का लक्ष्य रखा गया था, जिसके सापेक्ष भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय उत्तराखण्ड द्वारा कुल 645.42 करोड़ रुपए का राजस्व के रूप में अर्जित किया गया, जो गत वर्ष की तुलना में 173.17 करोड अर्थात लगभग 40 प्रतिशत अधिक है।
वर्ष 2022-23 में छः माह (माह अप्रैल से सितम्बर) में रू0 202.89 करोड, वर्ष 2023-24 में छः माह में (माह अप्रैल से सितम्बर) में रू0 255.98 करोड एवं वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 (माह अप्रैल से सितम्बर) मे रू० 456.63 करोड राजस्व की प्राप्ति की गयी तथा विगत वर्ष 2023-24 के प्रथम छः माहों मे प्राप्त राजस्व से कुल रू0 200.65 करोड वित्तीय वर्ष 2024-25 में अधिक प्राप्त किया गया, जो विगत वर्ष की तुलना में लगभग 78 प्रतिशत अधिक है।
निदेशक भूतत्त्व एवं खनिकर्म निदेशालय उत्तराखण्ड देहरादून के निदेशक राजपाल लेघा द्वारा बताया गया कि उक्त रिकार्ड राजस्व प्राप्ति का श्रेय राज्य सरकार द्वारा उत्तराखण्ड उपखनिज परिहार नियमावली में सरलीकरण, ई-निविदा सह-ई नीलामी के माध्यम से नये खनिज लॉटो का चिन्हिकरण कर उनको ई-निविदा के माध्यम से आवंटित किया जाना, निदेशालय स्तर पर गठित प्रर्वतन दल के द्वारा अवैध खनन, परिवहन एवं भण्डारण की प्रभावी रोकथाम हेतु निरन्तर प्रभावी ढंग से कार्यवाही किया जाना, मुख्यालय स्तर पर ई-रवन्ना पोर्टल की समय-समय पर निगरानी करते हुए ई-रवन्ना पोर्टल को उन्नत (Upgradation) किया जाना, चार जनपदो यथा देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंहनगर व नैनीताल में निविदा के माध्यम से आवंटित कम्पनी के द्वारा पट्टाधनराशि / अपरिहार्य भाटक आदि की वसूली को दिया जाना।
उक्त के अतिरिक्त खनन कार्य को और अधिक पारदर्शी, सुदृढ बनाये जाने तथा अवैध खनन / अवैध परिवहन की प्रभावी रोकथाम एवं राजस्व वृद्धि हेतु आधुनिक Mining digital Transformation and Surveillance System (MDTSS) विकसित किये जाने हेतु राज्य सरकार के द्वारा कुल 45 माईन चैक गेट्स स्थापित किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी है, जिसकी कार्यवाही गतिमान है। इसके साथ ही खन्ना प्रपत्रों को डिजिटल रूप मे ही रखने हेतु कार्यवाही गतिमान है।
साथ ही यह भी अवगत कराना है कि स्टोन क्रेशर्स/स्क्रीनिंग प्लांट्स में कच्चे माल के रूप मे उपखनिज की भरपूर आपूर्ति होने से उपखनिज ग्रिट, डस्ट, सैण्ड, रेता, बजरी इत्यादि वर्तमान मे 70/- प्रति कुन्टल की दर से बेचा जा रहा है जो कि पूर्व वर्ष में रू0 140/- प्रति कुन्टल की दर से बेचा जा रहा था, जिसके फलस्वरूप आम जनमानस को निर्माण सामग्री सस्ते दामों मे प्राप्त हो रही है व सरकारी कार्यदायी संस्थाओं को कच्चे / पक्के माल की निर्माण सामग्री की आपूर्ति सस्ते दामों में प्राप्त हो रही है।
साथ यह भी अवगत कराया गया कि वर्तमान में वित्तीय वर्ष 2024-25 हेतु राज्य सरकार के द्वारा
भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय उत्तराखण्ड को जो राजस्व लक्ष्य निर्धारित किया गया है, उसकी शत प्रतिशत प्राप्ति हेतु विभाग के द्वारा निरन्तर, अथक प्रयास किया जा रहा है तथा विश्वास जताया गया कि भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय उत्तराखण्ड द्वारा निर्धारित लक्ष्य से भी अधिक राजस्व की प्राप्ति की जायेगी।