पहले गैरसैंण से त्रिवेंद्र अब रामनगर से तीरथ को दिल्ली तलब करने से शुरू हुई कयासबाजी

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हल्द्वानी। गैरसैण में जब विधानसभा सत्र चल रहा था, तो भाजपा हाईकमान ने तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को यकायक दिल्ली तलब कर लिया। परिणाम उत्तराखंड में सत्ता परिवर्तन तक पहुंचा। अब जब पाटीॅ का फिर से 2022 में सत्ता पाने के लिए रामनगर में चिंतन समाप्त हो रहा था, फिर एक बार मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को दिल्ली बुला लिया। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को अचानक दिल्ली बुलाये जाने पर उत्तराखंड की राजनीतिक गलियारों में हलचले तेज हो गयी है। क्योकि सीएम आज, सुबह 10.30 बजे दिल्ली के लिए रवाना होंगे। हालांकि सीएम के तमाम कार्यक्रम तय किए गए थे, जिन्हें स्थगित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री को हाईकमान के अचानक बुलाने की वजह से तमाम तरह की कयासबाजी लगाई जा रही है।
पाटीॅ के लोग मानते हैं कि सीएम तीरथ सिंह रावत से हाईकमान, विधानसभा चुनाव और उनके उप चुनाव पर बातचीत कर सकता है। आज उन्हें राज्यमंत्री रेखा आर्य के विभागों से जुड़ी योजनाओं की शुरुआत करनी थी। इसके अलावा सचिवालय में शासकीय कार्य में निपटाने थे, लेकिन इस तरह से अचानक उन्हें दिल्ली बुलाया जाने से सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है। गौरतलब है कि रामनगर में हुए तीन दिवसीय बीजेपी चिंतन शिविर में प्रदेश और केंद्रीय स्तर के बड़े नेताओं ने आगामी चुनावी रणनीति को लेकर मंथन किया। इस आयोजन के तुरंत बाद मुख्यमंत्री तीरथ रावत को दिल्ली बुलाया जाना राजनीतिक पंडितों को किसी सियासी हलचल का संकेत दे रहा है। प्रदेश में मौजूदा राजनीतिक हालातों की बात करें तो कांग्रेस भी इस वक्त आगामी चुनावी रणनीति को लेकर दिल्ली में मंथन कर रही है। ऐसे में मुख्यमंत्री तीरथ रावत को दिल्ली बुलाया जाने से उत्तराखंड में कई तरह की सियासी चर्चाएं शुरू हो गई है।

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