पिथौरागढ़। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा है कि स्कूली शिक्षा केवल उन्हीं के लिए लाभदायक है जो इसका उपयोग करना जानते हैं, और यदि कोई व्यक्ति इसका उपयोग करना नहीं जानता तो उसे इससे कोई विशेष लाभ नहीं होता। भागवत ने कहा, “ऐसे कई महान व्यक्तियों के उदाहरण हैं जिन्होंने स्कूली शिक्षा न मिलने के बावजूद समाज को महान दिशा दी है।”
उन्होंने कहा कि सभी को शिक्षा के ‘विद्या भारती’ एजेंडे को बढ़ावा देना चाहिए क्योंकि यह न केवल स्वयं और अपने परिवार बल्कि पूरे समाज की देखभाल के लिए शिक्षा प्रदान करती है। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि संस्कार और शिक्षा के महत्व को समझना ही समाज को मजबूती देता है। उन्होंने कहा कि समाज महान और मूल्यवान है।
मुवानी में शेर सिंह कार्की सरस्वती विहार के भवन का उद्घाटन करने के बाद आरएसएस कार्यकर्ताओं की एक सभा को संबोधित करते हुए आरएसएस प्रमुख ने इस बात पर जोर दिया कि शिक्षा को आम लोगों की भलाई के लिए सीखना और उसका उपयोग करना चाहिए। इतिहास में कई महान व्यक्तियों ने ऐसे लोगों को रास्ता दिखाया है जो वंचित होने के बावजूद उच्च शिक्षित थे। उन्होंने स्कूली शिक्षा में सुधार करने पर जोर दिया।
आरएसएस प्रमुख 16 नवंबर को रात 11 बजे चंपावत से पिथौरागढ़ पहुंचे थे। 17 नवंबर को वे मुवानी पहुंचे और शेर सिंह कार्की सरस्वती विहार के भवन का उद्घाटन करने के बाद आरएसएस कार्यकर्ताओं की एक सभा को संबोधित किया।
भागवत ने कहा दुनिया में कोई भी सरकार युवाओं को केवल 10 प्रतिशत नौकरियां ही दे सकती है, बाकी नौकरियां और व्यवसाय समाज की ताकत और सीखे गए कौशल के प्रयोग से पैदा होते हैं। अपने 35 मिनट के भाषण में आरएसएस प्रमुख ने कहा कि हमारा देश अतीत में भी समृद्ध रहा है और हमारे समाज की ताकत से भविष्य में भी समृद्ध रहेगा। आरएसएस प्रमुख ने कहा यह समाज ही है जो हमें उद्देश्यपूर्ण जीवन जीना सिखाता है। भागवत ने कहा उत्तराखंड एक तपोभूमि है, जहां हजारों ऋषिगण वर्ष भर तपस्या करते हैं, लेकिन तपस्या का फल सदैव उनके आसपास रहने वाले अन्य लोगों को ज्ञान प्रदान करता है। संघ प्रमुख मोहन भागवत का 19 नवंबर तक पिथौरागढ़ में प्रवास कार्यक्रम है।
मंचाशीन पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, कार्यक्रम के अध्यक्ष कुलपति उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय नैनीताल डॉ ओम प्रकाश सिंह नेगी और मुख्यअतिथि डॉ मोहन राव भागवत का सरस्वती विहार मुवानी के पूरन चंद्र जोशी, प्रबंधन समिति के अध्यक्ष धीरज सिंह बिष्ट और प्रधानाचार्य डॉ मुकुल चंद्र कांडपाल ने तीनों अतिथियों का शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया.अपने सम्बोधन में बोलते हुवे कुलपति डॉ ओम प्रकाश सिंह नेगी ने शिक्षा के क्षेत्र में विद्या भारती के बृहद शिक्षा के उद्देश्य और उसकी योगदान पर चर्चा की. अपने सम्बोधन में बोलते हुवे पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शेर सिंह कार्की के द्वारा किए गए भूदान और महिला संरक्षण का उल्लेख किया.उन्होंने कहा सामाजिक समरसता के लिए स्वरोजगार अपनाकर ही आत्मनिर्भर बनकर उत्तराखंड राज्य मजबूत बन सकता हैं.उन्होंने सरस्वती विहार मुवानी में शीघ्र आवासीय छात्रावास बनाने की भी बात कही।