बजट में आयकर टैक्स में छूट से सरकार को होगा एक लाख करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान

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सरोज आनंद जोशी ( सी ए )

हल्द्वानी। भारत में सबसे आयकर देने वाले जिन्होंने विगत वर्ष में 9 लाख करोड़ का टैक्स दिया था, इस बार सरकार ने उनको बहुत अधिक राहत दी है , सभी व्यक्ति करदाताओ को इससे लाभ मिलेगा, 12 लाख तक की कमाई वालों को तो टैक्स नहीं देना है , साथ में उससे अधिक वेतन या व्यावसायिक आय वालों को भी कम से 22000 से 114000 तक लाभ जरूर मिलेगा पहली बार टैक्स में 6 स्लैब दिए गए हैं , ये बहुत बड़ा जोखिम लिया है सरकार ने, इससे लगभग एक लाख करोड़ राजस्व हानि होगी, इस निर्णय के पीछे ये सोच रही होगी कि टैक्स पेयर्स की टैक्स सैविंग सीधे बाजार में जाए , इस वक्त सबसे बड़ी चुनौती बाजार में पैसे के फ़्लो की है जिससे बाजार का विस्तार बढ़े ,शेयर बाजार में आमजन का निवेश बढ़े , विनिर्माण क्षेत्र में तेजी आए , बजट में एक शब्द बार बार दोहराया गया ‘ईज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस ” बहुत ही महत्वपूर्ण है , इसका मर्म में कि छोटे व्यापारी को कुछ राहत देने के उद्देश्य से , आयकर नियमों के तकनीकी झंझटों से और कानूनी दुविधाओ से मुक्ति मिल सके , अलग से आयकर बिल अगले हफ्ते आएगा जिसमें व्यापार करने में आसानी के उद्देश्य से सरलीकरण की उम्मीद भी की जा सकती है I इसका बड़ा कारण है कि नोटबंदी और जीएसटी जैसे रिफॉर्म के बाद बाजार में आई मौद्रिक “फ़्लो’ की आई मंदी में दुबारा तेजी लाई जा सके ताकि 2047 तक विकसित भारत का सपना साकार हो सके
बजट को ‘ज्ञान(GYAN)’ नाम दिया है जिसमें गरीब, युवा, अन्नदाता, और नारी ,
गरीब के लिए बजट में कुछ साफ तो नहीं है पर कल्याणकारी योजनाओ की जरूर बात की है पर बजट में उनके लिए कितनी धनराशि होगी ये साफ नहीं है , पर एक व्यापक बहु-क्षेत्रीय ‘ग्रामीण सम्पन्नता और अनुकूलन निर्माण’ कार्यक्रम राज्यों की भागीदारी से प्रारम्भ किया जाएगा ये कहा गया है कौशल, निवेश, प्रौद्योगिकी के माध्यम से कृषि में कम रोजगार का समाधान होगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था मे सुधार आएगा ऐसी उम्मीद की जानी चाहिए
युवा और ये बजट :
आज सरकार की सबसे चुनौती युवाओ को रोजगार उपलब्ध कराना है, पर रोजगार की पारंपरिक सोच को छोड़ अब नई सोच विकसित करनी होगी सरकार अब इतनी अधिक मात्रा में सरकार की नीतियाँ पारंपरिक रोजगार के बजाय आत्मनिर्भर स्वनियोजन की बात करने लगी है, विनिर्माण यानि manufacturing क्षेत्र में तेजी लाना सरकार के लिए भी बड़ी चुनौती है इसलिए युवाओ को इस चुनौती में कुछ स्वरोजगार की संभावाओ को तलाशना होगा छोटे उधोगों को ऋण और क्रेडिट कार्ड सुविधाएं देने की बात कही गई है, पांचलाख महिला, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातिके उद्यमियों के लिए एक नई योजना शुरू की जाएगी। इससे अगले 5 वर्षों के दौरान `2 करोड़ तक का सावधि ऋण उपलब्‍ध होगा, की बात भी बजट में कही गई है , चीन को टक्कर देने के लिए राष्ट्रीय खिलौना कार्य योजना के आधार पर, हम भारत को ‘वैश्विक खिलौना केंद्र’ बनाने के लिए एक योजना कार्यान्वित करने की बात कहीं गई है खिलौने बनाने वाले उधोग की संभानाओ को तलाशना होगा , चीन को टक्कर देने के लिए राष्ट्रीय खिलौना कार्य योजना के आधार पर, भारत को ‘वैश्विक खिलौना केंद्र’ बनाने के लिए एक योजना कार्यान्वित करने की बात कहीं गई है इसलिए नए उधमियों को खिलौने बनाने वाले उधोग की संभानाओ को तलाशना होगा ,

किसान और ये बजट :
पिछले बजट से पहले हर बजट में सरकार ने किसानों की आय दुगुनी करने की बात की थी इस बार के बजट में ये नारा कहीं गायब दिखता है , सरकार ने इस बजट में सिंचाई सुधारों के साथ और धन धान्य कृषि योजना की शुभारंभ करने की बात भी कही गई है , किसानों को सरकार की इस घोषणा पर नजर रखनी चाहिए सिंचाई विभाग की क्या जवाबदेही है इसे निर्धारित करने का भी समय है और वाजिब सवाल करने का भी, एमएसपी के बारे में भी विशेष चर्चा बजट भाषण में नहीं थी , तूर, उड़द और मसूर पर विशेष ध्यान के साथ 6-वर्षीय “दलहनों में आत्मनिर्भरता मिशन” प्रारम्भ करने की बात कही गई है केसीसी ऋण 3 लाख से 5 लाख कर दी है
महिलाओ के प्रथक किसी विशेष लाभ की बात तो बजट भाषण में नहीं की गई

स्वास्थ्य एवं शिक्षा
जैसे कि सरकार विकसित भारत की बात करती है, और दुनिया में जितने भी विकसित देश हैं वो सबसे अधिक खर्च स्वास्थ्य बजट पर करते हैं, पर इस बार के बजट में देश की सबसे आधारभूत मुद्दे स्वास्थ्य और शिक्षा पर बहुत अधिक चर्चा नहीं हुई , हलांकि आयुष्मान भारत योजना पहले से मौजूद है , मेडिकल कॉलेजों में और अस्पतालों में अतिरिक्त सीटें बढ़ाने की बात बजट में जरूर कही गई है, 200 डे केयर कैंसर केंद्रों की सुविधा स्थापित करने की बात की गई है, शिक्षा और स्वास्थ्य पर बजट आबंटन धनराशि को बजट भाषण में बताया नहीं गया है

अन्य प्रमुख घोषणाएं
वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्‍याज पर कर कटौती की सीमा `50,000 से दोगुनी बढ़ाकर `1 लाख की गई है
2022 के बाद से जिनकी आईटीआर छूट गई या कोई त्रुटि हुई है तो उनको पुनः मौका दिया गया है पहले दो साल की आई टीआर की अपडेट की जा सकती थी जिसे बढ़ाकर चार वर्ष कर दिया है

इस वक्त देश में आर्थिक रूप से मुख्य चुनौतियों मे मध्य और निम्न वर्ग के व्यवसायियों को राहत देने , स्व-नियोजन एवं स्व-रोजगार जिसे बढ़ती बेरोजगारी के विकल्प के तौर पर प्रतिस्थापन की कोशिस है , बढ़ती महंगाई जिसका सबसे अधिक प्रभाव मध्य वर्ग पर पड़ता हैं क्यूंकी सरकार दावा करती है गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले 80 करोड़ लोगों को राशन दे ही रही है, और इससे सबसे अधिक दबाव मध्य वर्ग पर ही पड़ता है और सबसे बड़ी चुनौती खासकर चीन से प्रतिस्पर्धा के रूप मे विनिर्माण यानि मेनूफेकचरिंग सेक्टर क्षेत्र को मजबूत करना इस सब पहुलुओंको ध्यान मे रखकर ये बजट तैयार किया है, सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक ग्रोथ को बढ़ाने और जीडीपी मे वृद्धि लाने संबंधी चुनौतियों से निबटने मे कितना कारगर होगा ये निर्धारण भविष्य में ही होगा सबसे जरूरी है बजट के निष्पादन और कार्यान्वयन पर ईमानदारी और जिम्मेदारी से नजर रखना , उम्मीद है बजट देश को नई दिशा प्रदान करेगा

सरोज आनंद जोशी (सी ए )

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