वन विभाग ने 30 गांवों के वन भूमि पर बसे लोगों को भेजा बेदखली का नोटिस, नाराज लोगों का तहसील पर जोरदार प्रदर्शन

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थराली। वन भूमि पर रह रहे परिवारों को वन विभाग की ओर से बेदखली के नोटिस दिए गए हैं। यह नोटिस वापस लेने और काबिज भूमि का मालिकाना हक देने की मांग को लेकर शनिवार को 30 से गांवों के ग्रामीण एकजुट हुए और जुलूस निकालकर तहसील में प्रदर्शन किया। कहा कि 24 फरवरी से ग्रामीणों की ओर से लगातार धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है। यदि सरकार नोटिस वापस नहीं लेती तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। इसके बाद ग्रामीणों ने तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा।
शनिवार को 30 से अधिक गांवों के ग्रामीण एकजुट हुए और किसान सभा के बैनर तले बुसेड़ी बैंड से मुख्य बाजार से केदारबगड़ होते हुए तहसील परिसर तक जुलूस निकाला और प्रदर्शन किया। तहसील परिसर में आयोजित जनसभा में किसान सभा के महामंत्री ज्ञानेंद्र खंतवाल और सीपीआई के मदन मिश्रा ने कहा कि पहाड़ पलायन की मार झेल रहे हैं और जो लोग यहां रह गए हैं वहीं गांवों को आबाद कर रहे हैं। अब सरकार उन्हें बेदखली का नोटिस देकर यहां से हटाना चाहती है। आरोप लगाया कि सरकार घाम तापो पर्यटन के माध्यम से यहां की गरीब जनता की भूमि को अंबानी, अडानी जैसे लोगों को देकर उनके रिजॉर्ट बनाना चाहती है। जिलाध्यक्ष बस्तीलाल ने कहा कि उनकी कई पीढि़यां वर्षों से वन भूमि पर रह रही हैं। अब वन विभाग उनके हक-हकूक छीनने की कोशिश कर रहा है। जनसभा में ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि प्रत्येक गांव की ओर से बारी-बारी से धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। इस मौके पर भूपाल सिंह रावत, बस्ती लाल, मदन राम, सुरेंद्र सिंह, कमलेश सिंह, भूपाल सिंह, ललित मिश्रा और शकुंतला देवी आदि मौजूद रहे।

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