रामनगर। उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक ने कहा है कि अप्रैल माह आधे से अधिक निकल जाने के बाद भी माह मार्च के वेतन का अभी तक कोई अता-पता नहीं है। खास बात यह है की बजट उपलब्ध होने के बाद भी अभी तक वेतन कार्मिकों के खातों में नहीं आया है। जिसको लेकर शिक्षकों एवं कार्मिकों में बेचैनी का वातावरण है।
कहा है कि जहां एक और घर का आम बजट होता है, वहीं दूसरी ओर अप्रैल माह में नए शैक्षिक सत्र प्रारंभ होने से बच्चों का प्रवेश ,उनकी एडमिशन फीस, कॉपी किताबें, यूनिफॉर्म सहित मकान एवं गाड़ी की ईएमआई बीमारी का खर्च आदि जिम्मेदारियां होने से पूरा हिसाब गड़बड़ा जाता है।
उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय पदाधिकारी मनोज तिवारी ने इस संदर्भ में मुख्यमंत्री सहित शासन एवं विभाग के आला अधिकारियों को पत्र भेज कर शीघ्र वेतन जारी करने की मांग की है।
इसके साथ ही वेतन में देरी को लेकर यह यक्ष प्रश्न अपनी जगह खड़ा है कि आखिर इस देरी के लिए जिम्मेदार कौन है ?
प्रांतीय तदर्थ समिति उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय सदस्य मनोज तिवारी कहते हैं कि वेतन भोगी कर्मचारी एवं शिक्षक पूर्णतया अपने वेतन पर आश्रित होता है। ऐसे में इतने लंबे समय तक वेतन नहीं मिलने से उनका पूरा बजट प्रभावित हो जाता है। वेतन समय से जारी होना चाहिए।






