दून पब्लिक स्कूल के 160 विद्यार्थियों ने गुरुद्वारा साहिब श्री गुरु सिंह सभा में किए दर्शन, सिख धर्म के इतिहास से भी हुए अवगत

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हल्द्वानी। आज शनिवार को सवेरे 8 बजे दून पब्लिक स्कूल के 160 विद्यार्थियों ने गुरुद्वारा साहिब श्री गुरु सिंह सभा में दर्शन किए। बच्चे सिख धर्म के इतिहास से अवगत हुए। इस दौरान गुरमत कीर्तन गुरबाणी गायन व सिख इतिहास की कथा विचार की गई।
गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मंच संचालक अमरजीत सिंह आनंद ने गुरु गोविंद सिंह जी के जीवन पर प्रकाश डाला उनके द्वारा कहा गया कि गुरु गोविंद सिंह जी सिख धर्म के दसवें गुरु थे। उनका जन्म 22 दिसंबर 1666 को पटना, बिहार में हुआ था। उनके पिता गुरु तेग बहादुर जी की शहादत के बाद, उन्होंने सिख धर्म की रक्षा और प्रचार के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया। गुरु गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की, जिसने सिख धर्म को एक नई दिशा दी। उन्होंने सिखों को शौर्य, साहस और न्याय के लिए प्रेरित किया।

उनके जीवन और शिक्षाओं से विद्यार्थी कुछ सीखना चाहिए। इनमें साहस और शौर्य, न्याय और समानता, धर्म और संस्कृति की रक्षा, नेतृत्व और प्रबंधन महत्वपूर्ण हैं। गुरु गोविंद सिंह जी का जीवन हमें सिखाता है कि सच्ची निष्ठा, साहस और न्याय के साथ हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं। अंत में गुरुद्वारा साहिब के हेड ग्रंथि सिंह द्वारा बच्चों के भविष्य की सफलता की अरदास कर समापन किया
इस उपरांत विद्यार्थियों ने लंगर भी ग्रहण किया बच्चों के साथ 30 शिक्षक व शिक्षिका भी उपस्थित थे दून पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल श्रीमती जय श्री तिवारी जी ने समूह सिख समाज व गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का धन्यवाद मंच से प्रकट करा व प्रबंधक कमेटी के सदस्यों ने उनको स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया इस दौरान प्रबंधक कमेटी के मुख्य सेवादार वीरेंद्र सिंह चड्ढा, महासचिव कवलजीत सिंह उप्पल, प्रवक्ता हरजीत सिंह चड्ढा, अमन आनंद, मनलीन कोहली ,
जसवीर सिंह गोल्डी अमरजीत सिंह बंटी आनंद आदि लोग उपस्थित थे।

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