हल्द्वानी में आशा वर्कर्स का कार्य बहिष्कार, जोरदार प्रदर्शन, नारेबाजी कर धरना दिया

ख़बर शेयर करें -

हल्द्वानी। आशा कार्यकर्ताओं का कार्य बहिष्कार व धरना आज भी जारी रहा। वह आशा वर्करों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा और न्यूनतम 21 हजार वेतन लागू करने, मासिक वेतन और कर्मचारी का दर्जा नहीं मिलता तब तक आशाओं को भी आंगनबाड़ी जैसी अन्य स्कीम वर्कर्स की तरह मासिक मानदेय फिक्स करने,सभी आशाओं को सेवानिवृत्त होने पर पेंशन का प्रावधान करने समेत बारह सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन कार्यबहिष्कार पर हैं।
हल्द्वानी ब्लॉक की आशाओं ने महिला अस्पताल के सम्मुख धरना प्रदर्शन करते हुए ऐक्टू से संबद्ध उत्तराखण्ड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन के बैनर तले कार्यबहिष्कार कर धरना प्रदर्शन किया।गौरतलब है कि, ‘ऐक्टू’ से संबद्ध ‘उत्तराखण्ड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन’ के व ‘सीटू’ से संबद्ध ‘उत्तराखण्ड आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री यूनियन’ के संयुक्त आह्वान पर पूरे राज्य की आशाएँ दो अगस्त से बेमियादी कार्यबहिष्कार पर चली गयी हैं। हल्द्वानी के धरने पर पहुँची उत्तराखण्ड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष कमला कुंजवाल ने कहा कि, “जिस सरकार का काम शोषण से रक्षा का होना चाहिये वह सरकार ही आशाओं के श्रम का लगातार शोषण खुद कर रही है। यह बेहद शर्मनाक है।” उन्होंने कहा कि, “कल से शुरू हुए अनिश्चितकालीन कार्यबहिष्कार में जिस तरह से पूरे राज्य की आशाओं ने एकजुटता दिखाई है, सब एक साथ आंदोलन में हैं और इस बार आरपार की लड़ाई के लिए तैयार हैं। उससे साफ है कि अपने हक और सम्मान की लड़ाई लड़ रही आशाएँ एकता और संघर्ष के बल पर अवश्य जीतेंगी।” प्रदेश महामंत्री डॉ कैलाश पाण्डेय ने कहा कि, “पूरे कोरोना काल में आशाओं को उचित मात्रा में सेफ्टी किट नहीं दिया गया फिर भी उन्होंने जान को जोखिम में डालकर कोरोना ड्यूटी की। कई आशाएं और उनके परिवार कोरोना से पीड़ित हुए। सरकार आशाओं से सिर्फ काम ले रही है और उनके मांगों को नजरअंदाज कर रही है। आशाओं को काम के बदले में मासिक वेतन या मानदेय देना तो दूर की बात उचित सम्मान तक नहीं मिलता है। इसलिए आशाओं ने वेतन और सम्मान के सवाल को अपने आंदोलन का मुख्य सवाल बनाया है।”
दूसरे दिन के धरना प्रदर्शन में रीना बाला, रिंकी जोशी, हेमा दुर्गापाल, भगवती बिष्ट, सरोज रावत, सुमन बिष्ट, वंदना तिवारी, बीना कोरंगा, माया शाह, लता तिवारी, अनुराधा, प्रीति रावत, पुष्पा आर्य, रजनी, अनीता, प्रेमा, रुखसाना, उमा दरमवाल, मुन्नी, ज्योति, राबिया, रमा भट्ट, आनंदी आर्य, तुलसी आर्य, छाया सहित सैकड़ों की संख्या में आशा वर्कर्स मौजूद रहीं।

Ad