देहरादून। उत्तराखंड के मुख्य सचिव डॉ.एस.एस.सन्धु ने कहा है कि राज्य की सङकों को गड्ढा मुक्त करने के लिए अधिकारी ठोस नीति बनाएं। कहा कि पूरे प्रदेश में जिस भी सङक पर अधिक यातायात है, उसकी हालत खराब है।
डा संधु सचिवालय सभागार में प्रदेश में सड़कों को पेचलैस मुक्त किये जाने के सम्बन्ध में आयोजित बैठक में सम्बन्धित विभागों को दिशा-निर्देश दे रहे थे।
मुख्य सचिव ने लोक निर्माण विभाग, एनएचआई(डीसीएल), एनएचएआई और बीआरओ के विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रदेश में जहाँ पर यातयात अधिक है और सड़कों की कंडीशन भी खराब हैं। उनको उच्च प्राथमिकता में लेते हुए सड़क सुधारीकरण के कार्य पूर्ण करें। उसके पश्चात् सड़क की दशा के अवरोही (घटते) क्रम में सुधारीकरण के कार्य पूर्ण करें। उन्होंने चारों विभागों के अधिकारियों से सड़कों की वस्तुस्थिति की जानकारी लेते हुए प्रमुख अभियन्ता लोक निर्माण विभाग को निर्देशित किया कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (डीसीएल), राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एआई) और सडक सीमा संगठन (बीआरओ) तीनों विभागों की सड़कों की वस्तुस्थिति और सुधारीकरण कार्य की गुणवत्ता का ड्रोन सर्वे कराते हुए शीघ्रता से रिपोर्ट प्रस्तुत करें। मुख्य सचिव ने निर्माणदायी विभागों और एजेंसियों को सड़क की वास्तविक दशा और सुधारीकरण की जरूरत के अनुसार पुनर्निर्माण और सुधारीकरण के प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिये। साथ ही निर्माण कार्य के दौरान ये सुनिश्चित करने को कहा कि सडक पर यातायात के आवागमन में और लोगों को मूवमेंट के दौरान अनावश्यक परेशानी ना हो। अव्यवस्थित तरीके की कार्यप्रणाली को स्वीकार नहीं किया जायेगा। उन्होंने विभागों से सड़क को पेचलैस (गड्ढा मुक्त) करने और सुधारीकरण की हेतु टाइमलाइन तय करते हुए निर्धारित अवधि में उस कार्य को पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने सडकों की रियल टाइम मॉनिटरिंग करने हेतु रोड असेस्मेंट सॉफ्टवेयर को एक्टिव करते हुए सभी स्टेटस को ऑनलाइन मोड पर प्रजेंट करने को कहा
उन्होंने प्रमुख सचिव आर.के.सुधांशु को निर्देशित किया कि पर्वतीय क्षेत्रों में पार्किंग की समस्या के संबंध में टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कारपोरेशन से समन्वय करते हुए समाधान तलाशें। इस दौरान बैठक में प्रमुख सचिव श्री आर.के सुधांशु, अपर सचिव श्री अतर सिंह, प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग श्री हरिओम शर्मा, निदेशक बीआरओ श्री विवेक श्रीवास्तव, परियोजना निदेशक एनएचएआई श्री पी.एस गुसाईं, डीजीएम प्रोजेक्ट एनएच (डीसीएल) श्री प्रेमचन्द सहित सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।