टोक्यो ओलिंपिक सेमीफाइनल हारने के बाद महिला हाकी खिलाङी वंदना कटारिया के घर पर आतिशबाजी करने व जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करने का विरोध, संत समाज व व्यापारी आए सामने

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हरिद्वार। हाकी खिलाड़ी वंदना कटारिया के घर पर टोक्‍यो ओलिंपिक में भारतीय महिला टीम के सेमीफाइनल में अर्जेंटीना के से हारने के बाद आतिशबाजी करने, वंदना और उसके परिजनों को जातिसूचक शब्द कहने को लेकर संत समाज समेत कई लोग समाने आए हैं। तमाम लोग वंदना के समर्थन में उसे देश की बेटी बताते हुए ऐसा करने वालों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि जिन लोगों ने भारतीय टीम की हार पर आतिशबाजी कर जश्न मनाया वह देश विरोधी कदम हैं और उनके खिलाफ देशद्रोह के मुकदमे के तहत ही कार्रवाई होनी चाहिए। भले ही उन्होंने वंदना का परिवार से अपनी पुरानी साजिश को लेकर ऐसा किया हो, लेकिन यह देश को अपमानित करने वाला कृत्य है।
इसके साथ ही धर्मनगरी हरिद्वार में संत समाज, प्रबुद्ध वर्ग, खिलाड़ी और आम जनता में भी इसे लेकर गहरा आक्रोश है। आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी और स्वामी कैलाशानंद गिरी ने भी इस घटना पर नाराजगी जताई और कहा कि इस तरह की हरकतें देश के विश्वास और सम्मान को धक्का पहुंचाती है। उन्होंने कहा कि जब एक साथी खिलाड़ी भारत के सम्मान की रक्षा के लिए ओलिंपिक में अपना जी जान लगा रही है, उस वक्त इस तरह की हरकतें करना उसकी एकाग्रता और प्रदर्शन पर विपरीत असर डालता है।
हरिद्वार जिला हर्लिंग एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष डाल विशाल गर्ग ने भी इस इस घटना पर नाराजगी जाहिर की। हरिद्वार क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव इंद्रमोहन बड़थ्वाल ने इस मामले में प्रशासन को कड़ी कार्रवाई करने की मांग करते हुए कहा कि इस तरह की घटनाएं खिलाड़ियों का मनोबल तोड़ती हैं। खिलाड़ी किसी जाति वर्ग या समाज का नहीं होता वह सिर्फ और सिर्फ देश का होता है और देश के मान सम्मान के लिए खेलता है। उस पर व्यक्तिगत या जातिगत टिप्पणी करना ना सिर्फ अनुचित है, बल्कि अपराध है और एक देशद्रोह है। आरोपितों के खिलाफ देशद्रोह के तहत मुकदमा होना चाहिए और कार्रवाई होनी चाहिए |

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