देहरादून। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस को रोजगार के मसले में कुछ कहने से पहले स्वमूल्यांकन करना चाहिए। पूर्व सीएम हरीश रावत के रोजगार के आंकड़ों पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि श्री रावत के शासन में बैकडोर नियुक्तियों को बेरोजगार अभी भूले नहीं है। एक क्षेत्र विशेष अथवा चहेतो या रिश्तेदारों को यह नौकरियां बाँटी गई थी। इसमें कांग्रेस के गांधीवादी चेहरे की पोल खुल कर सामने आयी थी। कई विभागों में नियुक्तियों में खेल उजागर हुआ। जबकि भाजपा शासन में पारदर्शिता से नियुक्तियां और रोजगार दिया गया। उन्होंने कहा कि विपक्ष नेतृत्व परिवर्तन को लेकर गलत बयानी कर रहा है और इसका विकास कार्यो पर कोई असर नहीं पड़ता है। भाजपा एक सकारात्मक सोच और अनुशासित दल है। वह तय समय पर जनता से जुड़े हर मुद्दे का समाधान करता है। भाजपा ने साढे़ 4 साल में 7 लाख से अधिक लोगों को सरकारी और गैर सरकारी क्षेत्रो में रोजगार दिया है। इसके अलावा स्वरोजगार के क्षेत्र में भी हजारों लोग कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना कोविड काल में उपयोगी साबित हुई। उन्होंने कहा कि 2017 से। पूर्व घपले,घोटाले और अव्यवस्थाओं से यह बात सामने आयी कि कांग्रेस की मंशा विकास की नहीं बल्कि सत्ता सुख भोगने की रही। आज तरह तरह का दावा कर रही कांग्रेस तब सत्ता सुख में मदहोश थी और वह सभी वर्गों को सब्जबाग दिखा रही थी। इसी का दंड उसे जनता ने दिया और वह आज अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। चिन्तन शिविर में के बजाय कांग्रेस को आत्म मंथन की भी जरूरत है। कांग्रेस के लिए यह भी सोचने का विषय है कि पहले वह सत्ता में रहते हुए जन अपेक्षाओं पर खरी नही उत्तरी और विपक्ष में रहते हुए भी आपसी गुटबाजी के कारण वह जनता की आवाज़ नहीं बन सकी।