कोटद्वार। पौङी जिले के कोटद्वार नगर निगम से नगर आयुक्त व लेखाकार के जाली हस्ताक्षर कर करीब 23 लाख की नकदी उड़ाने संबंधी मामला सामने आने के बाद निगम कार्यालय में हड़कंप मचा है। मजे की बात यह है कि जुलाई माह में हर दिन नगर निगम के खाते से पैसा निकलता रहा। इसके बाद भी निगम को भनक तक नहीं लगी। बैंक स्टेटमेंट में दो व्यक्तियों के साथ ही एक फर्म की ओर से 24 चेकों के जरिये बैंक से धनराशि निकालने की बात सामने आई है। प्राथमिक जांच में यह पुष्टि हुई है कि चेकों से धनराशि दिल्ली और बिहार के बैंक खातों में डाली गई।
कोटद्वार नगर निगम के बैंक आफ इंडिया में मौजूद खाते से बीते दो माह में करीब 23 लाख की धनराशि उड़ा दी गई। नगर आयुक्त की ओर से खाते से हुई निकासी में मौजूद नाम के आधार पर दो दिन पहले ही छह संदिग्धों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। अब पुलिस जांच में तेजी आई। निगम प्रशासन ने भी स्वयं के स्तर पर प्रकरण की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में इस बात की पुष्टि हुई है कि खाते से 24 चेकों के जरिये धनराशि निकाली गई। 25 जून से 21 जुलाई के बीच अलग-अलग तिथि पर अलग-अलग नाम पर चेक के जरिये धनराशि दिल्ली और बिहार के खातों में हस्तांतरित की गई। खाते फर्जी थे अथवा सही, इसकी पड़ताल अभी जारी है।
नगर निगम के बैंक आफ इंडिया के खाते से जुलाई माह में एक से 21 जुलाई के बीच प्रतिदिन नब्बे हजार से अधिक धनराशि अन्य बैंक खातों में ट्रांसफर होती रही और निगम को भनक तक नहीं लगी। निकासी में शामिल नामों में हरीशचंद्र, हरीशचंद्र परसा, हरीशचंद्र पी, हरीशचंद्र पीआर, रोशन कुमार और एमआर इंटरप्राइजेज के नाम शामिल हैं।को