देहरादून। भारत सरकार के रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा है कि देश के रक्षा उत्पाद तैयार करने वाली किसी भी आर्डिनेंस फैक्ट्री का निजीकरण नहीं किया गया है। न ही सरकार की ऐसी कोई मंशा है। कहा कि 41 फैक्ट्रियों के सात डिफेंस पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग बनाए गए हैं। अभी तक जो प्रशासनिक सिस्टम बिखरा हुआ था, उसे व्यवस्थित किया गया है।
उन्होंने कहा कि कर्मचारी संगठनों में भय फैलाया गया कि उनकी नौकरी चली जाएंगी। पेंशन नहीं मिलेगी। देश भर में हड़ताल की तैयारी शुरू हो गई थी। उसे रोकने को एक साल के लिए हड़ताल पर रोक लगाई गई। जो एक साल बाद स्वयं समाप्त हो जाएगी। इस एक साल में स्वयं कर्मचारियों की शंकाओं का समाधान हो जाएगा, जो काफी हद तक हो भी गया है।
कर्मचारी नेताओं की भी सभी शंकाओं का समाधान कर दिया गया है। साफ कर दिया गया है कि किसी भी फैक्ट्री का निजीकरण नहीं हो रहा है। कहा कि रक्षा क्षेत्र में पहली बार भारत आत्मनिर्भर बना है। 11 हजार करोड़ के सैनिक साजो सामान तैयार किया गया। आज देश रक्षा उत्पाद एक्सपोर्ट कर रहा है। सैनिकों का मनोबल बढ़ा है। सीमाओं पर सेना को निर्णय लेने का अधिकार है।
आज सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक, गलवान के रूप में देश ने दुश्मनों को करारा जवाब दिया है। सेना हर परिस्थिति से निपटने को तैयार है। सीमाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं। सीमाओं पर दोनों देशों की सेनाएं आपसी म्यूच्वल अंडरस्टेडिंग से पीछे हटी हैं। कहा कि देश की सीमाओं पर भारतीय सेना के जवान चौबीसों घंटे डटे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि आज घाटी से बच्चे आईआईटी, एम्स में निकल रहे हैं। रोजगार, शिक्षा मिल रही है। पहले भारत के झंडे से जो लोग नफरत करते थे, अब वही तिरंगा लहरा रहे हैं। भारत माता की जय के नारे लग रहे हैं। अब आतंकवादी बचते नहीं है।
भट्ट ने कहा कि राज्य सरकार को जहां भी जरूरत होगी, बीआरओ वहां मदद करेगी। सरकार जहां बुलाएगी, बीआरओ वहां जाएगी। बीआरओ रुके हुए काम तेजी के साथ कर रही है। 19300 फीट की ऊंचाई पर उमलिंगता चोटी तक सड़क पहुंचाने का काम चल रहा है। अकेले अटल टनल से ही सेना के प्रतिदिन सात करोड़ रुपये की बचत हो रही है।