लखनऊ। भारत की वित मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त मंत्री की अध्यक्षता में हुई जीएसटी परिषद् की 45 वीं बैठक में उत्तराखण्ड राज्य का प्रतिनिधित्व उत्तराखण्ड के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने म किया । बैठक में विधि समिति द्वारा संस्तुत विषयों यथा – आधार एवं पेन से जुड़े बैंक खाते में रिफण्ड की धनराशि का भुगतान किये जाने , प्रारूप जीएसटीआर -1 से सम्बन्धित विलम्ब शुल्क को आगणित करने की व्यवस्था , ब्याज की गणनाप्रयुक्त त्रुटिपूर्ण आईटीसी पर करने , ऐसी आपूर्ति , जो प्रारूप जीएसटीआर -1 में प्रदर्शित की गई है तथा प्राप्तिकर्ता को सूचित की गई है , पर ही आई टी सी दिये जाने , यदि करदाता द्वारा गत माह के लिये प्रारूप जीएसटीआर -3 ख दाखिल नहीं किया गया है , तो ऐसे करदाता का प्रारूप जीएसटीआर -1 दाखिल नहीं होने विषयक प्रस्तावों पर चर्चा की गई । राजस्व संवर्धन के आधार पर उपर्युक्त प्रस्तावों के तार्किक होने के कारण राज्य द्वारा सम्बन्धित प्रस्तावों पर सहमति व्यक्त की गई ।
उपरोक्त के अतिरिक्त कोविड -19 से सम्बन्धित दवाईयों पर कर छूट दिनांक 31 दिसम्बर , 2021 तक बढ़ाये जाने एवं अन्य दवाईयों जैसे Favipiravir , Infliximab इत्यादि पर कर में छूट दिये जाने विषयक प्रस्ताव का राज्य द्वारा समर्थन किया गया । उत्तराखण्ड राज्य में ईंट भट्टा कारोबारियों हेतु जीएसटी में विशेष समाधान योजना लागू करने का भी अनुरोध किया गया । जीएसटी परिषद द्वारा इससे पूर्व सम्पन्न बैठक में इस मुददे पर विचार विमर्श करने हेतु मंत्री – समूह का गठन किया गया था । इसमें उत्तराखण्ड राज्य की ओर से बतौर सदस्य राज्य के सुझाव दिये गये थे । जीएसटी परिषद के समक्ष ईंट भट्टों के सम्बन्ध में प्रस्तुत मंत्रि – समूह की रिपोर्ट पर चर्चा के उपरान्त अन्य राज्यों से भी सुझाव प्राप्त करते हुए इस सम्बन्ध में परिषद की अगली बैठक में पुनः चर्चा करने का निर्णय लिया गया। इसके अतिरिक्त उत्तराखण्ड राज्य द्वारा राज्यों की क्षतिपूर्ति आवश्यकताओं को पूर्ण किये जाने हेतु क्षतिपूर्ति उपकर की अवधि के जून , 2022 के पश्चात् अग्रेत्तर अवधि के लिए विस्तारित किए जाने की आवश्यकता से जी ० एस ० टी ० परिषद को अवगत कराया गया ।
बैठक में उत्तराखण्ड राज्य से सचिव , वित्त श्रीमती सौजन्या एवं इकबाल अहमद , आयुक्त राज्य कर सहित अन्य विभागीय अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया ।