*पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र का केदारनाथ में तीर्थ पुरोहितों ने किया विरोध, भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक, कैबिनेट मंत्री धनसिंह रावत को भी करना पङा विरोध का सामना*

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देहरादून। देवस्थानम बोर्ड भंग नहीं होने से केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों में रोष है। इसी क्रम में सोमवार को केदारनाथ पहुंचे पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का तीर्थ पुरोहित समाज ने जमकर विरोध किया।
त्रिवेंद्र सिंह रावत को संगम स्थित पुल से आगे नहीं जाने दिया गया। तीर्थपुरोहित एवं हक-हकूकधारियों ने इस दौरान खूब नारेबाजी की और उनका जमकर विरोध किया। जिसके बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत जीएमवीएन गेस्ट हाउस में चले गए। खास बात ये रही कि सोमवार को ही भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक व कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत भी केदारनाथ धाम पहुंचे थे। उन्हें भी तीर्थ पुरोहितों का विरोध झेलना पड़ा, हालांकि उन्होंने धाम में दर्शन किए।
इससे पहले कल हुई बैठक में सभी ने सोमवार को गंगोत्री धाम में व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद करने, भागीरथी घाट पर होने वाले पूजा पाठ कार्य बंद रखने व रैली निकालने का निर्णय लिया था। इस दौरान सह सचिव राजेश सेमवाल, इंद्रदेव सेमवाल, संजय सेमवाल, गणेश सेमवाल, कमलनयन सेमवाल, आशाराम सेमवाल, अंबरीश सेमवाल, माधव सेमवाल, बद्रीप्रसाद सेमवाल आदि शामिल थे।
वहीं देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर चारधाम तीर्थ पुरोहित हक-हकूकधारी महापंचायत समिति ने सभी तीर्थपुरोहित व हक-हकूकधारियों से आगामी तीन नवंबर को केदारनाथ कूच का आह्वान किया है। उन्होंने प्रदेश सरकार पर मांग को अनसुना करने का आरोप भी लगाया है।

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