*कीङा जङी के परमिट धारियों को सही मूल्य दिलाने की जरूरत, सीमांत गांवों में होम स्टे को बढ़ावा देना जरूरी: डॉ आशीष चौहान*

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पिथौरागढ़। जिलाधिकारी डा.आशीष चौहान ने कहा है कि गृह मंत्रालय के वाईब्र॔ट विलेज प्रोग्राम के तहत सीमांत गांवों में होम स्टे योजना का बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कीङा जङी को सही मूल्य दिलाने के लिए भी विस्तृत योजना बनाने पर, जोर दिया।
पिथौरागढ़ जिले के सीमावर्ती ग्रामों के सघन विकास के लिए गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित वाईब्रन्ट विलेज प्रोग्राम के सम्बन्ध में एक आवश्यक बैठक जिलाधिकारी डा० आशीष चौहान की अध्यक्षता में जिला कार्यालय सभागार में संपन्न हुई। बैठक में जनपद के सीमावर्ती ग्रामों के सघन विकास को लेकर जिलाधिकारी द्वारा आईटीबीपी, आर्मी, एसएसबी, विकास से जुड़े विभिन्न विभागों, स्वास्थ्य व अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की गयी तथा सुझाव भी मांगे गये। बैठक में चर्चा के दौरान जिलाधिकारी ने सीमावर्ती ग्रामों के आर्थिक विकास के लिए आर्थिक सर्वे किये जाने की आवश्कता पर बल दिया ताकि यह ज्ञात हो सके कि प्रत्येक परिवार की आर्थिकी का आधार क्या है। जिलाधिकारी ने कहा कि चूंकि सीमावर्ती ग्रामों में ट्रेकिंग हेतु ट्रेकर्स पहुंचते है इसलिए इन ग्रामों में होम स्टे योजना सफल हो सकती है। साथ ही वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली योजना के तहत इन क्षेत्रों में वाहनों की संख्या को बढ़ाया जा सकता है। इस हेतु सरकार को पर्याप्त फण्ड की व्यवस्था करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में जहां आर्मी, आईटीबीपी, एसएसबी आदि तैनात है वहां सीमावर्ती ग्रामों के ग्रामीणों के स्वास्थ्य उपचार हेतु आर्मी, आईटीबीपी, एसएसबी आदि को दवाईयां व आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराने का प्रावधान योजना में शामिल किया जाना चाहिए। जिलाधिकारी ने कीड़ा जड़ी हेतु मार्केट ऑर्गनाईज किये जाने की आवश्यकता पर बल दिया। कहा कि कीड़ा जड़ी की अन्तर्राष्ट्रीय एवं सरकारी दर में बहुत अन्तर है। इसकी रेट दर अच्छी होनी चाहिए।
बता दें कि गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा देश के उतरी सीमावर्ती ग्रामों के सघन विकास के लिए वाईब्रन्ट विलेज प्रोग्राम क्रियान्वित किया जाना प्रस्तावित है। वाईब्रन्ट विलेज प्रोग्राम की अवधारणा में सीमान्त ग्रामों के बुनियादी ढांचे का निर्माण, आवास, पर्यटन केन्द्र, सड़क सम्पर्क, विकेन्द्रीकृत नवीनीकरण ऊर्जा का प्राविधान, दूरदर्शन और शिक्षा चैनलों की सीधे घर तक पहुंच और आजीविका सजृन के लिए समर्थन शामिल होगा। इस प्रोग्राम के सफल क्रियान्वयन को लेकर भारत सरकार द्वारा राज्य सरकार से सुझाव मांगे गये तथा राज्य सरकार द्वारा सम्बन्धित जिलों से सुझाव मांगे गये है। जिसके क्रम में जिलाधिकारी द्वारा सम्बन्धित अधिकारियों के साथ बैठक ली गयी।
बैठक में सीडीओ अनुराधा पाल, सीएमओ एचएस ह्यांकी ,मुख्य शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार जुकरिया, आईटीबीपी से डॉ आर सर्वानन्द,एसएसबी से महेन्द्र प्रताप आदि उपस्थित थे।

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