देहरादून। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि हरिद्वार कुंभ मेले में कोविड-19 के संबंध में हाईकोर्ट और केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पूरा पालन होगा। यह भी खास ध्यान रखा जा रहा है कि कुंभ स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं में अनावश्यक भय का वातावरण उत्पन्न नहीं किया जाए। कोरोना संक्रमण के प्रति संवेदनशील शहरों और राज्यों को सरकार चिहि्नत कर रही है। ऐसे स्थानों से कुंभ मेले और चार धाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कोविड-19 की जांच रिपोर्ट साथ लाना अनिवार्य होगा।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत आवास में जनता दर्शन हाल में पत्रकारों से वर्चुअली रूबरू हुए। उन्होंने कहा कि कुंभ के दिव्य और भव्य आयोजन को लेकर सरकार संकल्पबद्ध है। कुंभ मेले में संत समाज, श्रद्धालुओं और कारोबारियों की सुविधा का भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है। मेले को लेकर संत समाज में व्याप्त असमंजस को सरकार ने दूर किया है। कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है, ऐसे में कोविड-19 सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन किया जाएगा। श्रद्धालुओं के लिए मास्क पहनना, सुरक्षित शारीरिक दूरी और सेनिटाइजर का इस्तेमाल अनिवार्य होगा। कुंभ में आने के लिए विभिन्न प्रवेश स्थलों पर सरकार की ओर से लाखों की संख्या में मास्क और सेनिटाइजर का बंदोबस्त किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ का पर्व हर साल नहीं, बल्कि 12 साल बाद आता है। कुंभ स्नान को लेकर श्रद्धालुओं के भाव का सम्मान होगा। इसलिए किसी प्रकार से भय का वातावरण नहीं बनने दिया जाएगा। इस बारे में उनकी ओर से निर्देश दिए गए हैं। महाशिवरात्रि पर्व पर कुंभ स्नान में लाखों श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया, लेकिन व्यवस्था भंग नहीं होने दी गई। कुंभ क्षेत्र से श्रद्धालुओं को ले जाने के लिए बसों की संख्या बढ़ाई गई है। कोरोना संक्रमण के प्रति संवेदनशील शहरों या राज्यों को चिहि्नत किया जा रहा है। वहां से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कोविड-19 की निगेटिव जांच रिपोर्ट साथ लाना जरूरी होगा। यह व्यवस्था चार धाम यात्रा के लिए भी लागू रहेगी।