भ्रष्ट सरकारी सेवकों को विजिलेंस के हाथों पकड़वाने वाले शिकायतकर्ताओं को वापस होने लगी है धनराशि: विजिलेंस ने चार लोगों को वापस किए 62 हजार रुपए

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हल्द्वानी। भ्रष्ट सरकारी सेवकों को विजिलेंस के हाथों पकड़वाने वाले शिकायतकर्ताओं को विजिलेंस ने रिश्वत में उनके द्वारा दी गयी धनराशि को वापस करना प्रारम्भ कर दिया है। आज दो जिलों के चार शिकायतकर्ताओं को रिवाल्विंग फण्ड से 62,000 रूपये की धनराशि के चैक पुलिस उपाधीक्षक अनिल सिंह मनराल के द्वारा सतर्कता अधिष्ठान कार्यालय हल्द्वानी में प्रदान किये गये।
अभियोग के निस्तारित होने के उपरान्त माल मुकदमाती के रूप दाखिल शिकायतकर्ताओं की धनराशि को वापस रिवाल्विंग फण्ड में जमा कराया जायेगा।

उल्लेखनीय है कि भ्रष्टाचार के विरूद्ध शिकायत करने में बहुत से जागरूक नागरिक इस कारण भी शिकायत करने से कतराते हैं कि रिश्वत के रूप में मांगे जाने वाली धनराशि शिकायतकर्ता को देनी होती है और जो धनराशि दी जाती है. वह ट्रैप होने पर माल मुकदमाती बन जाती है. इस कारण वह अभियोग के निस्तारण तक शिकायतकर्ता को वापस नहीं हो पाती है। अभियोग के निस्तारण में काफी समय लगने के कारण शिकायतकर्ता शिकायत करने से कतराते है। शिकायतकर्ताओं की इन्हीं समस्याओं के कारण सतर्कता विभाग द्वारा राज्य सरकार से रिवाल्विंग फण्ड बनाने की मांग की गयी थी, जिसके क्रम में सरकार द्वारा इस मांग को स्वीकृत करते हुये विगत वर्ष 01 करोड़ रूपये से रिवाल्विंग फण्ड बनाया गया। रिवाल्विंग फण्ड के संचालन के लिये कोई नियमावली नहीं थी, इस कारण इससे शिकायतकर्ताओं को उनकी धनराशि वापस नहीं हो पा रही थी। विगत दिनों कैबिनेट द्वारा इसकी नियमावली को मंजूरी प्रदान की गयी है।

इस नियमावली के अन्तर्गत शिकायतकर्ता द्वारा ट्रैप के लिये दी जाने वाली रिश्वत की धनराशि न्यायालय में शिकायतकर्ता के बयान पूर्ण होने के पश्चात् औपचारिकतायें पूर्ण कर रिवाल्विंग फण्ड से वापस की जायेगी तथा अभियोग का न्यायालय से निस्तारण होने के पश्चात् जो धनराशि माल मुकदमाती के रूप में जमा है, उसे नियमानुसार प्राप्त कर रिवाल्विंग फण्ड में वापस जमा कराया जायेगा। निदेशक सतर्कता डॉ०वी० मुरूगेशन द्वारा अवगत कराया है कि आज जनपद ऊधमसिंहनगर एवं नैनीताल के 04 शिकायतकताओं को 62,000 रूपये की धनराशि के चैक प्रदान किये गये है।

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