देहरादून। उत्तराखंड के पूर्व विधायकों ने एक मंच पर आते हुए, विधानसभा अध्यक्ष के जरिए प्रदेश हित के मुद्दे उठाने का निर्णय लिया है। इसी के साथ पूर्व विधायकों ने अध्यक्ष ऋतु खंडूडी को सात सूत्रीय मांग पत्र सौंपा है, जिसमें पेंशन के साथ ही पेट्रोल डीजल व्यय में दोगुना बढ़ोत्तरी की मांग शामिल है।
प्रदेश के एक दर्जन से अधिक पूर्व विधायकों ने गुरुवार को विधानसभा के कमरा नंबर 120 में बैठक कर गैर राजनैतिक संगठन बनाने का निर्णय लिया। तय किया गया कि जनवरी माह में पूर्व विधायकों का सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इसकी तैयारी के लिए पूर्व मंत्री लाखीराम जोशी को अध्यक्ष नामित किया गया।
सभी विधायक अपनी अपनी पार्टियों में रहते हुए, इस संगठन के जरिए विधानसभा अध्यक्ष और सरकार तक अपनी बात पहुंचाएंगे। बैठक के बाद विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा गया। पूर्व विधायक केदार सिंह रावत ने कहा कि प्रस्तावित संगठन पूरी तरह अराजनैतिक होगा, इसमें जल्द ही भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा को भी शामिल किया जाएगा, पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत ने भी इस पर सहमति दे दी है।
कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन ने बताया कि प्रदेश में पूर्व विधायकों की संख्या 148 है, उनके तजुर्बे का लाभ लिया जाना चाहिए। इस बैठक में केदार सिंह रावत, हीरा सिंह बिष्ट, शूरवीर सिंह सजवाण, ओमगोपाल रावत, देशराज कर्णवाल, भीमलाल, कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन, विजय गुड्डू, मुन्नी देवी, ज्ञान चंद, राजेश जुवांठा, शामिल हुए।
पूर्व विधायक बनाम रिटायर्ड आईएएस का द्वंद बैठक में कई नेताओं ने कहा कि उत्तराखंड में नौकरशाह ताउम्र रिटायर्ड नहीं होते हैं। वो किसी ना किसी आयोग, समिति में अपनी जगह बना ही लेते हैं। दूसरी तरफ कई-कई बार के विधायक मंत्री और यहां तक मुख्यमंत्री को भी चुनाव हारने के बाद पूरी तरह दरकिनार कर दिया जाता है।
इसलिए ऐसे आयोगों में अधिकारियों के बजाय अनुभवी नेताओं को जगह दिया जाए। पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन ने कहा कि विधायकों को निजी मुद्दों के बजाय जनता के मुद्दों पर अपनी बात रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष पूर्व विधायकों की अर्द्धसरकारी समिति बनाकर नीतियों पर सलाह मशवरा कर सकती है।