पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत प्रकरण पर ईडी ने अटैच की 70 करोड़ रुपए की 101 बीघा भूमि

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देहरादून। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत देहरादून में करीब 101बीघा भूमि अस्थायी रूप से अटैच कर दी। सर्किल रेट के हिसाब से इस जमीन की कीमत 6.56 करोड़ जबकि वर्तमान में बाजार मूल्य सत्तर करोड़ रुपये से ज्यादा बताया जा रहा है। ये कार्रवाई पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह, बीरेंद्र सिंह कंडारी और अन्य के विरुद्ध जारी जांच के तहत की गई है।

ईडी काफी समय से हरक सिंह और उनके करीबियों के खिलाफ जांच कर रही है। जांच में सामने आया कि कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद स्वर्गीय सुशीला रानी ने साजिश के तहत बीरेंद्र सिंह कंडारी और नरेंद्र कुमार वालिया के नाम पर सहसपुर स्थित जमीन के दो पावर ऑफ अटॉर्नी दर्ज कराए।

बीरेंद्र सिंह, जो हरक सिंह के करीबी सहयोगी बताए जाते हैं, ने यह जमीन दीप्ति रावत और लक्ष्मी राणा को बेहद कम कीमत पर बेच दी। यह कीमत राजस्व विभाग के निर्धारित सर्किल रेट से काफी कम थी। इन जमीनों के एक हिस्से पर दून इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस है। जो पूर्णा देवी मेमोरियल ट्रस्ट के तहत संचालित होता है। इस ट्रस्ट की चेयरपर्सन दीप्ति रावत हैं। इसे हरक सिंह के परिवार और करीबी नियंत्रित करते हैं। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि दीप्ति रावत और लक्ष्मी राणा ने बीरेंद्र सिंह, हरक सिंह, स्वर्गीय सुशीला रानी व अन्य के साथ मिलकर साजिश रचते हुए यह 101 बीघा जमीन अपने नाम पर पंजीकृत कराई। ईडी ने एक बयान जारी कर बताया कि उक्त तथ्यों के आधार पर करीब 101 बीघा जमीन को अटैच करने का आदेश जारी किया है। एजेंसी के अधिकारियों के अनुसार, मामले की जांच अभी जारी है।

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