
हल्द्वानी। समाजवादी पार्टी के प्रदेश संयोजक अब्दुल मतीन सिद्दीकी ने कहा है कि हल्द्वानी के बनभूलपुरा के 50 हजार लोग को बेघर होने को हैं। अभी तक सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया है। वह हाईकोर्ट के खिलाफ दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने की तैयारी कर रहे हैं।
स्पा संयोजक ने इस संबंध में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन भेजा है। कहा है कि उत्तराखण्ड प्रदेश के नैनीताल जनपद स्थित हल्द्वानी महानगर में अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्र बनभूलपूरा में करीब 50 हजार से ज्यादा लोगों के सर से छत छिनने का ख़तरा मंडरा रहा है।जो कि गरीब तबके के हैं और मेहनत मजदूरी कर जैसे-तैसे अपने परिवार का गुजर बसर करते हैं। बनभूलपुरा इलाका हल्द्वानी की बसासत के इतिहास का गवाह रहा है। एक ज़माने से यहां लोग रह रहे हैं। इन लोगों पर आज इनके घरों के छिन जाने का खतरा मंडरा रहा है। हल्द्वानी रेलवे स्टेशन से ट्रेन की पटरी के आसपास सन् 2016 में रेलवे ने इसे अपनी भूमि बताते हुए स्टेशन से नीचे इंदिरानगर जहां पर 50 वर्षों से भी अधिक समय से लोग आबाद हैं, को अपनी जगह बताते हुए पिलरबंदी कर दी। 20 दिसंबर 2022 को एक जनहित याचिका पर उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने उक्त भूमि को रेलवे के पक्ष में अधिग्रहण करने का फैसला सुनाया है। एक सप्ताह का नोटिस देने की कार्यवाही रेलवे की ओर से की जा रही है। जिसके बाद जिला प्रशासन उक्त जगह पर काबिज लोगों के मकानों पर बुलडोजर चलाने की तैयारी कर रहा है। मुख्यमंत्री जी सर्दियों का समय है। हज़ारों लोगों के घर-मकान टूट जाएंगे तो बेघर लोग कहां जाएंगे। प्रदेश में अभी तक किसी ने भी इन प्रभावित हज़ारों परिवारों की कोई सुध नहीं ली है।
कहा है कि हल्द्वानी में अतिक्रमण को लेकर यह बहुत बड़ी कार्यवाही साबित होगी जिससे हज़ारों लोग बेघर होंगे। जिस इलाके को अतिक्रमण बताया जा रहा है वहां पर कई सरकारी स्कूल, कॉलेज, मंदिर-मस्जिदें हैं। स्कूल कॉलेज टूट जाएंगे तो बच्चों और बेटियों का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। महोदय, मानवीय दृष्टिकोण से इस मामले को देखा जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री से कहा है कि आप इस मामले के मानवीय पहलुओं पर गौर करते हुए शीघ्र अतिशीघ्र इसका संज्ञान लें। और हो सके तो एक पुनविचार याचिका उच्च न्यायालय उत्तराखंड में सरकार की ओर से डलवाने की कृपा करे।जिससे यहाँ की इस ग़रीब जनता को कुछ राहत मिल सके।





