दिल्ली। देश के कई राज्यों में कोरोना वायरस वैक्सीन की कमी के शिकायत के बीच एक राहत की भी खबर है। इस साल अक्टूबर के अंत तक भारत को पांच और टीके मिल सकते हैं। जिससे काफी हद तक वैक्सीन की कमी की शिकायत दूर हो सकती है। देश में फिलहाल कोरोना वायरस के लिए दो वैक्सीन कोविशिल्ड और कोवैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिली हुई है। इन दोनों टीकों का निर्माण भी भारत में ही हो रहा है।
न्यूज एजेंसी एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया है कि इस साल तीसरी तिमाही तक कोरोना वायरस के पांच और टीके भारत में हो सकते हैं। ये पांच टीके हैं स्पूतनिक वी (डॉ रेड्डी के सहयोग से) जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन (बायोलॉजिकल ई के साथ), नोवावैक्स वैक्सीन (सीरम इंडिया के साथ मिलकर), जाइजस कैडिला का टीका और भारत बायोटेक का इंट्रानैजल वैक्सीन शामिल हैं।
कुल 20 टीके पाइप लाइन में
सूत्रों ने बताया कि देश में लगभग 20 टीके ऐसे हैं जो कि क्लीनिकल और प्री-क्लीनिकल ट्रायल में हैं। इन टीकों में स्पूतनिक वी वैक्सीन पहले नंबर पर है और उम्मीद है कि अगले 10 दिन के भीतर इमरजेंसी इस्तमाल मिलने की भी संभावना है। टीके के 850 मिलियन खुराक के प्रोडक्शन के लिए स्पूतनिक वी ने देश की कई कंपनियों के साथ समझौता भी किया है।
टीके की उपलब्धता को लेकर एनआईए के टॉप सूत्रों ने कहा कि स्पूतनिक का टीका जून तक उपलब्ध होने की उम्मीद है। वहीं, जॉनसन और जॉनसन और कैडिला जाइडस अगस्त तक उपलब्ध हो सकते हैं। जबकि नोवैक्स सितंबर और इंट्रानैजल वैक्सीन अक्टूबर तक उपलब्ध हो सकता है। सूत्रों ने कहा कि सरकार वैक्सीन की उपलब्धता पर तेजी से काम कर रही है।
कई राज्यों में टीके की किल्लत
बता दें कि भारत में फिलहाल कोरोना वायरस की दूसरी लहर जारी है। पिछले कुछ दिनों से एक लाख से ज्यादा केस सामने आए रहे हैं। केस बढ़ने के साथ-साथ वैक्सीन की भी डिमांड बढ़ गई है। महाराष्ट्र समेत एक दो और राज्य टीके किल्लत को लेकर केंद्र सरकार से और वैक्सीन की मांग की है। महाराष्ट्र ने कहा कि उसके पास मुश्किल से तीन दिन के लिए टीके बचे हैं और कुछ सेटंर तो बंद भी हो गए हैं।