न्यायालय के फैसले से स्पष्ट है कि युवाओं को षडयंत्र के तहत फंसा रही है सरकार: माले

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हल्द्वानी। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट देहरादून द्वारा उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार, लूशुन टोडरिया समेत भर्ती घोटालों के विरुद्ध आंदोलनरत 13 युवाओं की रिहाई प्रसन्नता का विषय है. माननीय न्यायालय का आदेश इस बात को स्पष्ट कर रहा है कि इन युवाओं को झूठे आरोपों में फंसाने का षड्यंत्र उत्तराखंड सरकार और उसकी पुलिस द्वारा किया गया. भर्ती घोटालों के विरुद्ध तथा पारदर्शी परीक्षा के लिए संघर्षरत युवाओं के विरुद्ध राज्य की पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार द्वारा इस तरह का षड्यंत्र रचना, एक निंदनीय कृत्य है. भाकपा माले इसकी तीव्र निंदा करती है और इसके लिए राज्य की धामी सरकार को पूरी तरह जिम्मेदार मानती है। भाकपा माले के नैनीताल जिला सचिव डा कैलाश पाण्डेय ने प्रेस बयान में यह बात कही।
उन्होंने कहा कि, “भाजपा की उत्तराखंड सरकार को अपने प्रदेश के युवाओं के विरुद्ध ऐसा षड्यंत्र रचने के लिए इन युवाओं और पूरे प्रदेश से माफी मांगनी चाहिए. साथ ही इन युवाओं के साथ ही शहीद स्थल पर धरने पर बैठे युवाओं के विरुद्ध दर्ज सारे मुकदमे बिना शर्त वापस लिए जाने चाहिए. सभी भर्ती परीक्षा की सी बी आई जांच करवाई जाए और 8 व 9 फरवरी को युवाओं का उत्पीड़न एवं लाठीचार्ज करने के लिए जिम्मेदार पुलिस अफसरों को निलंबित करते हुए, उन पर नौजवानों पर प्राणघातक हमला करने के लिए मुकदमा दर्ज किया जाए।

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