देहरादून। कनिष्ठ अभियंता और सहायक वन संरक्षक, दोनों में से किसी एक पद पर नौकरी का झांसा देकर युवक से 99 लाख रुपये ठग लिए गए। इस पूरे मामले में नेहरू कॉलोनी थाना पुलिस ने पांच आरोपियों पर केस दर्ज कर लिया है। इन आरोपियों में शामिल दो सगे भाइयों ने एक आयोग में रह चुके मामा का हवाला दिया था।
एसओ लोकेंद्र बहुगुणा के अनुसार, धर्मेंद्र रावत निवासी सिद्धेश्वर एन्क्लेव केदारपुरम ने तहरीर में बताया कि वे वर्ष 2015 में दिल्ली में सिविल सेवा की तैयारी करने गए थे। उन्होंने 2017 तक दिल्ली में कोचिंग की। इसी दौरान राजीव प्रताप पुत्र मुरारी लाल से मुलाकात हुई। दोस्ती के बाद एक दिन राजीव ने बताया कि उसने उत्तराखंड पीसीएस की प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा पास की है। आरोपी ने झांसा दिया कि उसके मामा आयोग में रह चुके हैं, जिन्हें पैसे देकर वह पास हुआ। इसके बाद राजीव ने अपने भाई आलोक प्रताप से मिलवाया। धर्मेंद्र से कहा गया कि वे उनका चयन जेई या सहायक वन संरक्षक के पद पर करवा सकते हैं। इसके बाद धर्मेंद्र से कुल 99 लाख रुपये विभिन्न बैंक खातों में जमा करवा लिए गए। इसके बाद दो साल तक नौकरी का झांसा दिया जाता रहा। अब इस मामले में नौकरी की डील कर रहे आरोपियों पर तो मुकदमा दर्ज कर लिया गया है, लेकिन ऐसे मामलों में नौकरी खरीदने की कोशिश करने वालों पर कार्रवाई नहीं होती। एसओ लोकेंद्र बहुगुणा ने बताया कि उसे इस मुकदमे में पीड़ित बनाया गया है।