मै आजकल अपने गांव मे हूँ….

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मै आजकल अपने गांव मे हूँ।
माँ की ममतामयी छाँव मे हूँ।

सुन रहा पक्षियों का कलरव
मै कौओँ की काँव काँव मे हूँ।

माँ और प्रकृति का सानिध्य
मै बहुत खुश इसी चाव मे हूँ।

बदल गया है गांव मे सबकुछ
मै भी बदलाव के बहाव में हूँ।

दोस्तों भले ही अपने गाँव हूं
कोरोना के डर की नाव मे हूँ।

जहां पालापोसा गया था मुझे
पिताजीकी यादों के भाव मे हूँ।

🌹🌹रवीन्द्र सैनी🌹🌹

प्रधानाचार्य
एस.जी.आर.आर.इण्टर कालेज, सहसपुर, देहरादून।

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